इंदौर। जिला कोर्ट ने पटवारी लक्ष्मी नारायण यादव की करीब साढ़े 36 लाख रुपए की संपत्ति अवैध पाते हुए राजसात करने के आदेश दिए। लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी के इंदौर व सांवेर के ग्राम पाल काकरिया स्थित ठिकानों पर छह साल पहले छापा मार कर एक करोड़ 26 लाख रुपए की अनुपातहीन संपत्ति पकड़ी थी।
बुधवार को विशेष न्यायाधीश आलोक मिश्रा ने फैसला सुनाया। पटवारी के यहां लोकायुक्त पुलिस इंदौर ने वर्ष 2012 में छापा मारा था। जिला लोक अभियोजन अधिकारी मोहम्मद अकरम शेख के मुताबिक, छापे में दोनों स्थानों पर उसके एक-एक मकान व पाल काकरिया में कृषि भूमि पाई गई थी। जांच में आरोपी पटवारी व परिजनों के नाम 20 लाख 80 हजार रुपए कीमत की अचल संपति के अलावा नकदी, जेसीबी मशीन, जेवरात, घरेलू सामान सहित कुल चल-अचल संपत्ति एक करोड़ 26 लाख 80 हजार 880 रुपए की पाई गई थी। वर्ष 2017 में प्रस्तुत चालान में लोकायुक्त पुलिस ने कोर्ट को अवगत कराया कि इसमें से आरोपी पटवारी को वेतन के रूप में कुल 62 लाख 54 हजार 214 रुपए की आय हुई। शेष 64 लाख 26 हजार 666 रुपए की संपत्ति अनुपातहीन पाई गई थी।
प्रकरण की ट्रायल में आरोपी पटवारी की ओर से इस बात का विरोध किया गया कि संपत्ति अवैध है। उसने कहा- संपत्ति वैध है। डीपीओ शेख के मुताबिक फैसले में कोर्ट ने अनुपातहीन पाए गए 64 लाख रुपए में से 36 लाख 46 हजार 25 रुपए अवैध कमाई मानते हुए राजसात करने के आदेश दिए। प्रकरण में लोकायुक्त पुलिस की ओर से विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने की।