उदयपुर। पति की मौत के बाद जीवन बीमा के क्लेम ( Life insurance claims ) को कंपनी द्वारा खारिज करने के खिलाफ पेश प्रार्थना पत्र पर Consumer Forum ने पत्नी के पक्ष में फैसला किया है। फोरम ने Insurance company को आदेश दिया कि वह मृतक की पत्नी को क्लेम की राशि 575000 रुपए और मानसिक परेशानी के 10000 रुपए और वाद व्यय 5000 रुपए अदा करें।
प्रकरण के अनुसार बांसवाड़ा गढ़ी के कुमजी का पारड़ा निवासी राम कुंवर पत्नी मनोहर सिंह चौहान ने इंडिया फास्ट लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड आयड़ ( India Fast Life Insurance Company Limited ) और जरिए प्रबंधक कॉरपोरेट कार्यालय मुंबई के खिलाफ उपभोक्ता फोरम में 15 जनवरी 2016 को परिवाद पेश किया था। इसमें बताया कि कंपनी ने 29 जनवरी 2014 को मनोहर के नाम से इंडिया फर्स्ट महाजीवन प्लान की लाइफ Insurance policy जारी की। प्लान में प्रत्येक अद्धवार्षिक के रुप में प्रीमियम राशि 17 साल के लिए जमा करानी थी। पॉलिसी की समइश्योर्ड राशि 575000 रुपए है। मनोहर की 3 मार्च 2014 को हृ़दयाघात से मौत हो गई। क्लेम के दस्तावेज पेश किए तो कंपनी ने मौत के बाद धोखाधड़ी से बीमा करवाने का जवाब देकर खारिज कर दिया।
CORT में COMPANY बोली
मौत 3 मार्च 2014 को न होकर 19 अगस्त 2013 को हुई थी यानि पॉलिसी लेने के लिए प्रपोजल फार्म भरने से पहले हो चुकी थी। अनुसंधान में इसके ठोस दस्तावेज भी है। कोर्ट ने कहा कि यह अनुसंधान बीमा पॉलिसी जारी करने से पहले कर लिया जाना चाहिए था। कंपनी ने बीमा जारी करने से पहले यह सुनिश्चित नहीं किया कि बीमा धारक जीवित इंसान है या नहीं, अत: गलती बीमा कंपनी की ही है।