भोपाल। मध्यप्रदेश के क्षेत्रीय क्षत्रपों की बात करें तो केवल ग्वालियर-चंबल संभाग ही ऐसा है जहां कांग्रेस ने भाजपा को चित करके रख दिया है। यहां की 21 सीटों पर भाजपा का कब्जा था परंतु अब केवल 6 सीटें ही बचीं। भाजपा को यहां से 10 सीटों के नुक्सान की उम्मीद थी परंतु 15 सीटें टूट गईं।
ग्वालियर-चंबल ज्योतिरादित्य सिंधिया का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी यहीं से आते हैं। इस बार अच्छी बात यह रही कि दिग्विजय सिंह गुट के नेताओं ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को नुक्सान नहीं पहुंचाया उल्टा पूरा सहयोग किया और सिंधिया के सिपाही बनकर काम किया।
34 सीटों वाले इस अंचल में पिछली बार बीजेपी 21, कांग्रेस 11 और दो पर बसपा ने जीत दर्ज की थी, जबकि इस बार कांग्रेस ने 27 सीटों पर जीत दर्ज की है, 6 बीजेपी और एक बसपा के खाते में गयी है। यह चुनाव परिणाम एक स्पष्ट संदेश दे गया कि यदि मध्यप्रदेश में कांग्रेस को स्थापित करता है तो दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया की टीम को एकजुट करना ही होगा।