भोपाल। कमलनाथ सरकार तो मंत्रियों में विभागों के बंटवारे से पहले ही खतरे में आ गई है। एदल सिंह कंसाना एवं राजवर्धन सिंह दत्तीगांव सहित 11 विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दी है। इसके अलावा निर्दलीय और सपा के विधायक भी नाराज हैं। नाराज विधायकों के निशाने पर दिग्विजय सिंह हैं। वंशवाद का आरोप लगाया गया है।
DIGVIJAY SINGH पर हमला: वंशवाद की POLITICS ने हक छीन लिया
बदनावर सीट से कांग्रेस विधायक राजवर्धनसिंह दत्तीगांव ने गुरुवार को आरोप लगाया, "वंशवाद की राजनीति ने उनका हक छीन लिया है। मेरे साथ अन्याय हुआ और मैं इसका जवाब इस्तीफा देकर दूंगा। मैं भी अगर किसी पूर्व मुख्यमंत्री या बड़े नेता का बेटा या रिश्तेदार होता तो आज मैं भी मंत्री बन जाता।" राजवर्धनसिंह ने कहा, "मुझे मंत्री बनने का शौक नहीं है। किंतु यह मेरा हक था, जिसे मुझे नहीं दिया गया। क्षेत्र की जनता को उम्मीद थी कि मैं इस बार मंत्री बनूंगा। किंतु मेरे साथ पक्षपात किया गया।" धार जिले की बदनावर सीट पर राजवर्धनसिंह ने भाजपा के भानवरसिंह शेखावत को 41 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।
10 विधायक RAHUL GANDHI से मिलने दिल्ली पहुंचे
कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह समेत 10 विधायक दिल्ली पहुंच गए हैं। वे राहुल गांधी से मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। मंत्री नहीं बनाने से नाराज कांग्रेस विधायक और वरिष्ठ नेता केपी सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, बिसाहूलाल सिंह अपनी बात कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने रखने गुरुवार को दिल्ली पहुंच गए। कंसाना ने बताया कि उनके साथ 8 से 10 विधायक दिल्ली में हैं। 15 साल भाजपा सरकार ने परेशान किया और हमारी सरकार आ गई तो भी नाइंसाफी हो रही है।
दिग्विजय सिंह भी दिल्ली पहुंचे
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी गुरुवार शाम को दिल्ली चले गए। केपी, कंसाना और बिसाहू तीनों को दिग्विजय गुट का ही माना जाता है और वे उनके मुख्यमंत्रित्वकाल में मंत्री रह चुके हैं। इन्हीं विधायकों के समर्थकों ने प्रदेश कांग्रेस को तीन दिन का अल्टीमेटम देते हुए सामूहिक इस्तीफे और दिल्ली में प्रदर्शन की धमकी दी है। सुमावली से ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष मदन शर्मा ने कंसाना को मंत्री नहीं बनाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया है। मंत्रिमंडल में नहीं लेने से सुवासरा विधायक हरदीप सिंह डंग भी मायूस हैं।