भोपाल। मध्यप्रदेश की नई कांग्रेस सरकार प्रदेश के 35 हजार सरकारी स्कूलों को मर्ज करने जा रही है। तय किया गया है कि स्कूल एक ही शिफ्ट में एक ही परिसर में चलेंगे और उसकी कमान वरिष्ठ प्राचार्य के हाथों में होगी। यह प्रक्रिया एक विद्यालय एक परिसर के तहत की जा रही है। यदि ऐसा हो गया तो मध्यप्रदेश में 19961 स्कूल बंद हो जाएंगे।
हाईस्कूल के टीचर्स प्राइमरी को भी पढ़ाएंगे
बताया गया है कि अब प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल के बच्चों को हाई और हायर सेकेंडरी के शिक्षक पढ़ाएंगे। दलील दी गई है कि इससे स्कूल की शिक्षा में सुधार होगा। इसके तहत प्रदेश के लगभग 35 हजार हजार स्कूलों को मर्ज किया जा रहा है और 9340 प्रधानाध्यापक अब शिक्षक बन गए हैं। राजधानी के लगभग 700 से अधिक स्कूल हैं, जिन्हें मर्ज किया जा रहा है।
एकीकृत व्यवस्था के तहत आदेश जारी
स्कूल शिक्षा विभाग ने एकीकृत व्यवस्था के तहत दो शिफ्ट में लगने वाले स्कूलों को एक शिफ्ट में लगाने के आदेश जारी करते हुए व्यवस्था पर सख्ती से अमल करने के निर्देश दिए हैं। वहीं स्कूल की कमान वरिष्ठ स्कूल के प्राचार्य व हेडमास्टर के हाथों में होगी।
शिक्षकों का तबादला किया जाएगा
स्कूल में यदि एक ही विषय के दो शिक्षक हैं तो उनका स्थानांतरण अन्य स्कूलों में कर दिया जाएगा। एक परिसर में सभी स्कूल चलने से जहां अलग-अलग स्कूलों को मिलने वाला फंड एक ही स्कूल बैंक खाते में आएगा। इससे स्कूलों का मरम्मत कार्य ठीक से हो पाएगा। हालांकि स्कूल शिक्षा विभाग स्कूलों की व्यवस्था में सुधार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए कर रहा है।
19961 स्कूल बंद हो जाएंगे
प्रदेश भर के 34,997 स्कूलों को 15,961 स्कूलों के परिसर में शिफ्ट किया जाएगा। इससे प्रदेश के 19,961 स्कूल बंद हो जाएंगे। साथ ही जिले के 753 स्कूलों को एकीकृत होने के बाद 330 स्कूलों के परिसर में शिफ्ट किया जाएगा। यानी जिले के 423 प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल बंद हो जाएंगे। प्रदेश और जिले के आधे से अधिक स्कूल एकीकृत होने के बाद बंद हो जाएंगे। इस संबंध में जल्द ही आदेश जारी किया जाएगा।
बच्चों को बैठने में होगी परेशानी
एक शिफ्ट में स्कूल के संचालित होने से बच्चों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। राजधानी समेत प्रदेश भर के सरकारी स्कूलों में बच्चों के बैठने की कम जगह होने से सभी जिलों में ऐसा कर पाना संभव नहीं होगा।
प्राथमिक के बच्चों को पढ़ाएंगे हाईस्कूल के शिक्षक
दो शिफ्ट में चल रहे स्कूलों का एक शिफ्ट में चलने से पढ़ाई का एक ही टाइम टेबल होगा। अगर प्राथमिक या माध्यमिक स्कूल में बच्चे ज्यादा और शिक्षक कम हैं तो योग्यता के आधार पर हाईस्कूल के शिक्षक बच्चों को पढ़ाएंगे। किसी स्कूल में शिक्षक ज्यादा और बच्चे कम हैं तो यहां के शिक्षक या प्राधानाध्यापक को खाली पदों वाले दूसरे स्कूल में पदस्थ किया जाएगा।
इनका कहना है
प्रदेश के 34,997 स्कूलों को 15,961 स्कूलों के परिसर में एकीकृत किया जा रहा है। प्रक्रिया जारी है। जल्द ही इसे पूरा कर लिया जाएगा।
डीएस कुशवाहा, अपर संचालक, डीपीआई