भोपाल। सीएम कमलनाथ ने जनअभियान परिषद के मामले में अंतिम निर्णय ले लिया है। आरएसएस और भाजपा के लोगों का आश्रय बन चुकी जनअभियान परिषद को बंद कर दिया जाएगा। सरकार ने इसे फिजूलखर्ची माना है। इसके अलावा शिवराज सिंह का महत्वाकांक्षी 'आनंद मंत्रालय' भी इसी श्रेणी में रखा गया है। इसे भी बंद किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि कांग्रेस सरकार भाजपा शासन में खोले गए आनंद विभाग और जनअभियान परिषद को बंद करेगी। बजट सत्र में इस मामले को लाया जाएगा। सरकार जल्द ही आध्यात्मिक विभाग बनाएगी। यह विभाग आध्यात्मिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ ही धार्मिक न्यास आदि की गतिविधियों को भी नियंत्रित करेगा। गौरतलब है कि भाजपा सरकार ने जनअभियान परिषद के 50% कर्मचारियों को नियमित करने की तैयारी कर ली थी।
सरकार फिजूलखर्ची भी कम करना चाहती है। इसके लिए मार्च 2019 तक नए वाहन की खरीदी, एसी व अन्य विलासिता उपकरण खरीदने के अलावा नए साल के कैलेंडर छापने पर रोक लगा दी गई है। सरकार का एक कैलेंडर व डायरी सिर्फ राजस्व विभाग से जुड़े सरकारी मुद्रणालय द्वारा ही छापे जाएंगे। वित्त विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।