भोपाल। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि शासन में लापरवाही और सुस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसके प्रति सरकार जीरो टालरेंस होगी। जनसेवा सरकार का प्राथमिक दायित्व होगा। जनता को यह आभास होगा कि सरकार उसकी सेवा के लिये है। श्री नाथ आज यहां मंत्रालय में मंत्री-परिषद और अधिकारियों की संयुक्त बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह भी मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने निर्देश दिये कि जनहित के कार्य बिना हीला-हवाली के हों। नियमानुसार किये जा सकने वाले कार्य नियमित कार्य-प्रणाली से सुनिश्चित किये जायें। मुख्यमंत्री के समक्ष केवल ऐसे विषय लाए जायें, जो नियमित व्यवस्था में नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि विभाग के संचालन का दायित्व विभागीय मंत्री का होगा। प्रशासनिक व्यवस्थाओं के संचालन का दायित्व मुख्यमंत्री सचिवालय का नहीं बल्कि विभाग का होगा।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि वचन पत्र के समस्त बिंदुओं के क्रियान्वयन का उत्तरदायित्व संबंधित विभाग का होगा। विभाग इसके क्रियान्वयन की समयबद्ध कार्ययोजना बना लें। उन्होंने कहा कि नये नजरिए के साथ व्यवस्था को देखें। परिवर्तन नवाचार के लिये यह आवश्यक हैं। उन्हें अमल करने का प्रयास करें। नियम-कायदों में केवल परिवर्तन पर्याप्त नहीं होगा। श्री नाथ ने कहा कि मंत्री-परिषद की बैठक के साथ ही विभागीय बैठकें भी शीघ्र ही आयोजित की जाएंगी। इससे सभी मंत्रीगण विभागों की कार्य प्रणाली से परिचित रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रथम बैठक ऊर्जा विभाग की होगी। इसके बाद कृषि विभाग की बैठक होगी। शीघ्र ही अन्य विभागों की बैठकों की समय-सारणी जारी की जाएगी।
मुख्य सचिव श्री बी.पी. सिंह ने बताया कि वचन पत्र के अनुसार कार्रवाई का प्रारूप संबंधित विभागों द्वारा तैयार कर लिया गया है। विभागीय मंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त कर उसे प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि प्रदेश में योग्य और कर्मठ अधिकारियों की टीम है, जो समय-सीमा में कार्य करने में दक्ष हैं। बैठक के प्रारंभ में समस्त अधिकारियों ने अपना परिचय दिया। बैठक में सभी विभागों के प्रमुख सचिव, विभाग के सचिव और विभागाध्यक्ष मौजूद थे।