INDORE. प्रदेश में नई सरकार का गठन होना बाकी है, लेकिन कांग्रेस के सबसे बड़े वादे-किसानों की कर्जमाफी के लिए अभी से कसरत शुरू हो गई है। इस मसले पर शुक्रवार को सहकारिता व वित्त विभाग के प्रमुख सचिव, आयुक्त सहकारिता आदि की उच्च स्तरीय बैठक होगी। ऐसे में शासन ने सहकारिता विभाग से सभी जिलों में किसानों और उन पर बकाया LOAN की जानकारी मांगी है। राज्य सहकारिता आयुक्त का आदेश मिलने के बाद गुरुवार शाम से इंदौर में विभाग के साथ सभी कृषि सहकारी बैंकों के लगभग 500 कर्मचारी किसानों के लोन की जानकारी जुटाने में जुट गए। इंदौर जिले में किसानों पर लोन का आंकड़ा 50 करोड़ रुपए से ऊपर जाने की संभावना है। गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार बनने के 10 दिन के अंदर किसानों का ऋण माफ करने की घोषणा की है।
यही कारण है कि शाम चार बजे आयुक्त राज्य सहकारिता मुख्यालय भोपाल का आदेश जिला सहकारिता विभाग प्रमुख इंदौर को मिला। इसमें कहा गया कि इंदौर जिले में कितने किसान हैं? कितने किसानों पर कितना लोन बकाया है, इसकी जानकारी शुक्रवार शाम तक भेजी जाए। इस आदेश के बाद सहकारिता विभाग, इंदौर प्रीमियर को-ऑपरेटिव बैंक से संबंध जिले की सभी 120 प्राथमिक कृषि सहकारी साख संस्थाएं, भूमि विकास बैंक आदि के लगभग 500 कर्मचारी देर रात तक जानकारी जुटाते रहे।
जानकारों के अनुसार इंदौर जिले में लगभग डेढ़ लाख किसान हैं और उन पर 50 करोड़ रुपए से अधिक का लोन बकाया होना संभावित है। इस बारे में उपायुक्त सहकारिता मनोजकुमार गुप्ता का कहना है कि कितने किसानों पर कितना लोन बकाया है, यह अभी बताना संभव नहीं है। शुक्रवार शाम तक ही पता चल सकेगा।
सहकारिता विभाग के सूत्रों का कहना है कि अपेक्स बैंक ने किसानों की जानकारी का प्रोफार्मा जिलों को भेजा है। उसके अनुसार किसान व उसके पिता और गांव का नाम, बैंक अकाउंट नंबर, जाति, किस प्रकार का लोन दिया गया। लोन कब दिया गया, कितना दिया गया, उस पर वर्तमान में कितना मूल धन व ब्याज बकाया है आदि जानकारी देना है। जानकारी तीन स्तर पर मांगी गई है- 31 मार्च 2018 तक, 30 जून तक और 30 सितंबर 2018 तक किस किसान पर कितना लोन बकाया है।