भोपाल। विधानसभा में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के नाम पर विधायकों से ठगी की कोशिश की खबरें पहले ही प्रकाशित हो चुकीं थीं परंतु विदिशा से कांग्रेस विधायक शशांक भार्गव ने शायद ये खबरें नहीं पढ़ीं और वो ठगी का शिकार हो गए। सवाल यह भी है कि शिकायत मिल जाने के बाद भी पुलिस अब तक जालसाज को पहचान तक नहीं पाई है जबकि वो लगातार ठगी के कॉल कर रहा है। सवाल यह भी है कि जो विधायक असली और फर्जी में फर्क नहीं समझ सकता वो आम जनता को न्याय कैसे दिलाएगा।
पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक शशांक भार्गव रजिस्ट्रेशन कराने के लिए विधानसभा आए थे। रजिस्ट्रेशन कराने के बाद जैसे ही वह बाहर निकले तो उनके पास एक कॉल आया। कॉल करने वाले व्यक्ति ने कहा कि में विधानसभा से बोल रहा हूं। आपका आधार कार्ड लिंक नहीं है। आधार कार्ड का नंबर दें। उन्होंने कहा कि अभी में रजिस्ट्रेशन की पूरी प्रक्रिया कराकर आया हूं। इसके बाद उनसे एटीएम नंबर मांग गया। उन्होंने कहा कि में एटीएम नहीं रखता। तो उनसे किसी परिचित या रिश्तेदार का नंबर देने की बात कही।
यह चर्चा सुन रहे कांग्रेस नेता मनोज कपूर ने शशांक भार्गव को अपना एटीएम नंबर दे दिया। फिर कॉल करने वाले व्यक्ति ने ओटीपी नंबर मांगा तो उन्होंने ओटीपी नंबर दे दिया। इसके तुरंत बाद ही उनके खाते से दो बार में करीब 20 हजार रुपए की राशि निकल जाने का मैसेज आ गया। उन्होंने इस घटना की शिकायत जहागीराबाद थाने में की है।
टूकालर में कॉल करने वाले का नाम एके श्रीवास्तव आ रहा था। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि जिस तरह से विधानसभा में रजिस्ट्रेशन कराने के बाद बाहर आते हुए उनके साथ घटना घटी इससे लगता है कि विधानसभा में कोई व्यक्ति इस मामले में लिप्त हो सकता है।
सभी विधायकों के पास पहुंच रहे हैं फर्जी फोन
मालूम हो कि शुक्रवार को ही मप्र विधानसभा के उप सचिव के नाम से नवनिर्वाचित विधायकों से फोन पर आधार कार्ड, बैंक अकाउंट और एटीएम की जानकारी मांगने का मामला सामने आया था। जिसमें भोपाल मध्य से विधायक आरिफ मसूद और सोनकच्छ से विधायक सज्जनसिंह वर्मा के पास भी फोन आये थे। जब उक्त विधायकों ने विधानसभा में फोन करके जानकारी ली तो उन्हें बताया गया कि विधानसभा से इस तरह की जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती। नवनिर्वाचित विधायको को सचेत किया गया कि कोई इस तरह की जानकारी मांगे तो उसे जानकारी नहीं दे।