ग्वालियर। 17सी पत्रक में जो वोट दर्ज किए गए हैं, वह मानें या आप बताएंगे वह सही माने जाएंगे। हमें 17सी का पत्रक चाहिए, जिससे हम कंफर्म कर सकें कि कहां-कहां गलती हुई है। 17सी पत्रक पर वीवीपैट मशीनों के नंबर अंकित नहीं हैं। हमें हर हाल में काउंटिंग से पहले 17सी पत्रक चाहिए। शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों और एजेंटों की बैठक में इसी तरह के सवालों की झड़ी कांग्रेस प्रत्याशियों ने अफसरों के सामने लगा डाली। अफसर अपनी ओर से संतुष्ट तो करते रहे, लेकिन प्रत्याशियों को चुप नहीं करा सके। जिला निर्वाचन अधिकारी अशोक कुमार वर्मा ने स्वीकारा कि कुछ जगह पर पीठासीन अधिकारियों ने मतदान के दिन पत्रक सही नहीं भरा है। ऐसे पत्रकों को मास्टर ट्रेनर के जरिए करेक्ट कराया गया है। कलेक्टर ने कहा कि हो सकता है लिखने में गलती हो गई हो, लेकिन वोटिंग मशीन से फाइनल होगी, जिसके लिए वीवीपैट है।
विधानसभा निर्वाचन-2018 की मतगणना 11 दिसंबर को होना है। इस मतगणना में किस तरह की व्यवस्थाएं रहेंगी और आयोग के किन दिशा-निर्देश का पालन करना है, इसे लेकर राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों और उनके अधिकृत एजेंटों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में मास्टर ट्रेनर के जरिए प्रत्याशियों और एजेंटों को आयोग के दिशा-निर्देश और व्यवस्थाओं के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया गया। पोस्टल बैलेट, इलेक्ट्रोनिकली ट्रांसमिटेड पोस्टल बैलेट सहित व्यवस्थाओं के बारे में प्रत्याशियों ने प्रश्न किए।
ग्रामीण विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी मदन कुशवाह ने बैठक में अफसरों से सवाल किया कि अगर मतगणना के दौरान गड़बड़ हुई तो क्या करेंगे। इस पर अपर कलेक्टर दिनेश श्रीवास्तव ने कहा- मौके पर ऑब्जर्वर रहेंगे, उनसे शिकायत की जा सकती है। कांग्रेस प्रत्याशी प्रघुम्न सिंह तोमर ने कहा कि 17सी पत्रक सहित हर राउंड की कॉपी देना होगी तभी अगला राउंड शुरू होगा। ऐसा नहीं हुआ तो भब्बड़ हो जाएगा। कलेक्टर ने तंज कसते हुए कहा- बिल्कुल हम आपके निर्देश का पालन करेंगे।
ऑब्जर्वर न सुनें तो HIGHCORT चले जाना
कांग्रेस प्रत्याशियों बोले- अंदर मोबाइल और टेलिफोन नहीं रहेगा। मोबाइल पर रोक है, अंदर कोई व्यवस्था नहीं है। इस पर अफसरों ने कहा कि खाना-पीना अंदर दिए जाने की अनुमति रहेगी। कलेक्टर बोले- कोई शिकायत है तो ऑब्जर्वर के पास जा सकते हैं। इस पर प्रत्याशी बोले- ऑब्जर्वर से संतुष्टि न हो तो क्या करेंगे। कलेक्टर ने जवाब दिया- तो फिर आप हाईकोर्ट चले जाना।
VVPAT ही फाइनल बोले अफसर, पर पर्चियां कौन गिनेगा
बैठक के दौरान प्रत्याशियों और उनके अभिकर्ताओं द्वारा बार-बार मॉक पोल, 17सी से लेकर अलग-अलग तरह की सवालों से जन्मीं शंकाओं का समाधान अफसरों ने वीवीपैट को बताया। वीवीपैट की गिनती तो फायनल मानी ही जाएगी, लेकिन हर विधानसभा से एक वीवीपैट की पर्ची मिलान का भी प्रावधान रखा गया है। वहीं प्रत्याशी अगर आपत्ति करेगा तो उसके द्वारा बताई जाने वाली ईवीएम के वोट का मिलान उसकी वीवीपैट से करा दिया जाएगा।