भोपाल। सत्ता परिवर्तन के साथ ही राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर पॉवरफुल पोस्टिंग पर जमे अधिकारियों को हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। शिवराज सिंह सरकार के ताकतवर मंत्री नरोत्तम मिश्रा के भाई डॉ. आनंद मिश्रा को अशोकनगर के सरकारी कॉलेज में भेज दिया गया है। डॉ. आनंद मिश्रा को चुनाव आयोग ने भी पद से हटा दिया था। डॉ. आनंद मिश्रा रात के अंधेरे में नरोत्तम मिश्रा का प्रचार करते थे।
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के कुलसचिव यूएन शुक्ला का कार्यकाल 13 दिसंबर को समाप्त हो चुका था। शासन ने बुधवार को एक आदेश जारी कर तत्काल प्रभाव से इनकी प्रतिनियुक्ति खत्म कर दी है। इन्हें रायसेन के शासकीय विवेकानंद महाविद्यालय भेज दिया है। शुक्ला भी अपनी पॉलिटिकल पकड़ के चलते कुलसचिव के पद तक पहुंच गए थे। इसी तरह ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार डॉ. आनंद मिश्रा भी हटाकर अशोकनगर जिले के शासकीय महाविद्यालय सहरई भेजा गया है। यह बीजेपी सरकार में केबीनेट मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा के भाई हैं। इन्हें पहले चुनाव आयोग के निर्देश पर इंदौर में अटैच किया गया था।
अब माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय और राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय सहित अन्य संस्थानों में भी बड़े बदलाव हो सकते हैं। माखनलाल में तो हालात यह हैं कि ऊपर से लेकर नीचे तक लगभग सभी पदों पर संघ और भाजपा के विद्वान बैठे हुए हैं। शिवराज सिंह सरकार ने माखनलाल यूनिवर्सिटी को विचारधारा का अड्डा बना दिया था।