भोपाल। छिंदवाड़ा सांसद कमलनाथ ने आज मध्यप्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। एक अजब संयोग यह रहा कि कमलनाथ यहां शपथ ले रहे थे और इससे ठीक पहले 'सिख दंगों' को लेकर सज्जन कुमार को सजा सुनाई गई। आरोप लगते रहे हैं कि इसमें कमलनाथ भी शामिल थे।
कमलनाथ के खिलाफ दिल्ली में भूख हड़ताल
कांग्रेस नेता कमलनाथ को मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिये मनोनीत किए जाने के विरोध में दिल्ली बीजेपी के एक नेता सोमवार को अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता सिख विरोधी दंगों में शामिल थे। पश्चिमी दिल्ली के तिलक नगर में बीजेपी नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने भूख हड़ताल शुरू कर दी है। इस इलाके में 1984 के सिख विरोधी दंगों से प्रभावित कई परिवार रहते हैं।
अरुण जेटली ने उठाई आपत्ति, दिग्विजय सिंह ने जवाब दिया
भारत सरकार के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने भी कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने पर आपत्ति उठाई है एवं इसे सिख दंगों से जोड़कर बयान दिया। जेटली ने पत्रकारों से कहा, 'यह विडंबना है कि फैसला उस दिन आया है जब सिख समाज जिस दूसरे नेता को दोषी मानता है, कांग्रेस उसे मुख्यमंत्री की शपथ दिला रही है।' पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने इसका जवाब दिया। उन्होंने लिखा: अरुण जेटली जी आप से यह उम्मीद नहीं थी। कमल नाथ जी पर ना तो इस प्रकरण में कोई FIR है ना charge sheet है ना किसी अदालत में कोई प्रकरण है। ९१ से केंद्र में मंत्री रहे तब आपको कोई आपत्ति नहीं थी अब आप को क्या हो गया?