मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ होंगे. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने उनके नाम पर मुहर लगा दी है. आखिरकार दो दिनों की माथापच्ची के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फैसला ले लिया और उन्होंने जोश और युवा के आगे अनुभव और बड़प्पन को तरजीह दे डाली, जी हां राहुल गांधी ने अनुभवी और लंबे अरसे से गांधी परिवार के करीबी और वफादार रहे कमलनाथ को मध्यप्रदेश के सीएम पद के लिए चुना है. देर शाम को विधायक दल की बैठक में कमलनाथ के नाम का ऐलान कर दिया जाएगा. इस बीच 1984 में सिख दंगे में शामिल होने के आरोप पर कमलनाथ ने सफाई दी है.
कमलनाथ ने कहा कि, "मैं ना तो सिख दंगों में शामिल था और ना ही किसी ने मुझ पर आरोप लगाया. मेरे खिलाफ सिख दंगे का कोई भी मामला नहीं है." मध्य प्रदेश में सरकार बनाने की बात पर कमलनाथ ने आगे कहा कि हमें यह विश्वास था कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी हमारे साथ आएगी और हम सरकार बनाएंगे. बीजेपी ने सरकार बनाने के लिए निर्दलीय उम्मीदवारों को अपने साथ लाने की कोशिश भी की लेकिन वो कामयाब नहीं हुए. हम मध्य प्रदेश में जल्द सरकार बना रहे हैं.
कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाए जाने को लेकर अकाली दल और बीजेपी नेताओं ने जमकर विरोध किया. दिल्ली अकाली दल के एम. एस सिरसा ने यह आरोप लगाया था कि 1984 में सिख दंगे भड़काने में सज्जन कुमार, जगदीश टाइटलर और कमलनाथ का हाथ था. यदि कांग्रेस मध्य प्रदेश में कमलनाथ को सीएम बनाती है तो सिख समुदाय उनका विरोध करेगा.
गांधी परिवार पर आरोप लगाते हुए सिरसा ने आगे कहा कि गांधी परिवार सिख दंगों के आरोपियों को हमेशा बचाने का काम करती आ रही है. यदि कमलनाथ सीएम बनाए जाते हैं तो उनके खिलाफ धरना प्रदर्शन नहीं बल्कि उन्हें उनकी ही भाषा में सबक सिखाया जाएगा. सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद के लिए अगर कमलनाथ का नाम तय होता है तो वह शुक्रवार को ही शपथ ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि अधिकतर विधायकों ने कमलनाथ के नाम का ही समर्थन किया है.