भोपाल। कांग्रेस की सबसे बड़ी घोषणा किसान कर्ज माफी के लिए अफसरों ने तैयारियां शुरू कर दीं हैं। मुख्य सचिव बीपी सिंह ने अवकाश के दिन शनिवार को किसानों की कर्जमाफी के मामले में पंजाब, कर्नाटक व यूपी के मॉडल का प्रेजेंटेशन देखा इसके बाद मध्यप्रदेश का मॉडल तैयार किया जा रहा है।
कृषि विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने अलग-अलग मॉडल की जानकारी दी। इस दौरान एपीसी पीसी मीणा भी मौजूद रहे। पूरी संभावना है कि मप्र अलग-अलग राज्यों के मॉडल का अध्ययन करने के बाद अपना अलग मॉडल तैयार करेगा, जिसके आधार पर कर्जमाफी होगी।
बताया जा रहा है कि राज्य सरकार सबसे पहले सहकारी बैंकों का कर्ज चुकाएगी। इसके बाद राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों के डिफाल्टरों का नंबर आएगा। वर्तमान में सहकारी बैंकों पर चालू कृषि ऋण का 13 हजार करोड़ और डिफाल्टर किसानों का 7000 करोड़ रुपए बकाया है।
चुनाव के दौरान हुई कर्जमाफी की घोषणा के बाद चालू कृषि ऋण में सालाना 80 फीसदी तक होने वाली रिकवरी घटकर 50 फीसदी तक रह गई। साथ ही धान का समर्थन मूल्य बढ़ाने की घोषणा जुलाई के महीने में होने के बाद किसानों द्वारा धान की बिक्री छह गुना तक घट गई। मतगणना के दिन यानी 11 दिसंबर तक पिछले 3.5 लाख टन धान की आवक मंडियों में हो गई थी, जबकि साल 2018 में आवक महज 50 हजार टन ही हुई है।
डिफाल्टर किसानों पर किस बैंक पर कितना कर्ज
राष्ट्रीयकृत बैंक : 2.22 लाख किसानों पर 4,312 करोड़ रुपए।
सहकारी बैंक : 17.13 लाख किसानों पर 8,800 करोड़ रुपए।
आरआरबी : 1.39 लाख किसानों पर 1,381 करोड़ रुपए
अन्य बैंक : 0.44 लाख किसानों पर 651 करोड़ रुपए।
(राष्ट्रीय कृत बैंकों पर प्रति किसान औसत कर्ज एक लाख 96 हजार रुपए सर्वाधिक, सबसे कम 49 हजार 701 रुपए सहकारी बैंकों के किसानों पर।)
क्या शिवराज की तर्ज पर तत्काल फाइलों पर हस्ताक्षर करेंगे कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल की शुरुआत में शपथ ग्रहण के तत्काल बाद एक फाइल पर हस्ताक्षर किए थे। ये एक रुपए किलो गेहूं-चावल से जुड़ी थी।
वचन-पत्र और घोषणा के मुताबिक 21 लाख डिफाल्टर किसानों का दो लाख रु. तक का कर्ज माफ होता है तो राज्य सरकार के खजाने पर 15 हजार 100 करोड़ रु. का भार आएगा। इसी तरह यदि चालू कृषि ऋण वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जाती है तो यह करीब 5000 करोड़ के करीब होगी। कृषि विभाग के सूत्रों की मानें तो 30 सितंबर 2018 को 40 लाख किसानों का चालू कृषि ऋण 57 हजार करोड़ और 21 लाख डिफाल्टर किसानों पर बकाया 15 हजार 100 करोड़ रु. था।
बैंकों को कैसे देंगे
बांड जारी करके राशि जुटाई जा सकती है। सभी बैंकों के कर्ज को स्ट्रक्चर्ड (टुकड़ों में बांटकर) करके हर साल या छह माह में एक बार राशि बैंकों को दी जाएगी।
शपथ ग्रहण समारोह : सोनिया का आना तय नही, मायावती की तबीयत खराब
17 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, कुमारस्वामी, एचडी देवेगौड़ा ने आने की स्वीकृति दे दी है। सोनिया का आना तय नहीं है। मायावती बीमार है। ममता बनर्जी और अखिलेश यादव ने शनिवार शाम तक स्वीकृति नहीं दी थी।
पंजाब : 5-5 जिला जोन बनाए
सहकारी बैंकों को प्राथमिकता दी। राष्ट्रीयकृत व निजी क्षेत्र के बैंकों को दूसरे चरण में रखा।
किसानों की दो कैटेगरी बनाई। एक 2.5 एकड़, दूसरी 5 एकड़ वाली।
पहले चरण में 2.5 एकड़ वाले 3.20 लाख किसानों का दो लाख तक कर्ज माफ किया। यह राशि 1680 करोड़ रही। इसमें भी जिलों के क्लस्टर बनाए। यानी 5-5 जिले कर कर्ज माफी की जा रही है।
दूसरे चरण में 2.5 से 5 एकड़ तक के किसानों का कर्ज माफ होगा।
7 जनवरी 2018 से यह प्रक्रिया
चल रही है। ग्राम पंचायतों में अंतिम दावा सूची प्रस्तुत की।
महाराष्ट्र : 1.50 लाख तक के बकायादारों को लिया
अप्रैल 2012 के बाद के डिफाल्टर किसानों को लिया।
चालू फसल ऋण पर 25 हजार रु. या 25% जो भी कम हो, दिया गया। पहले प्रति परिवार की शर्त लगाई थी, बाद में हटाई।
ऑन लाइन आवेदन लिए गए, जिला स्तरीय समिति बनाकर नाम तय किए गए। ग्रीन लिस्ट पोर्टल पर अपलोड की।
उत्तर प्रदेश : एक से दो हेक्टेयर तक को लिया
31 मार्च 2016 तक के बकायादार किसानों के खाते आधार से लिंक कराए और एक लाख रु. तक का कर्ज माफ किया। कुल 85 लाख किसान प्रदेश में हैं, जिसमें से डिफाल्टरों का 7000 करोड़ रुपए और करंट अकाउंट का 36 हजार करोड़ रु. कर्ज माफ होगा।
कर्नाटक : 2009 के बाद वालों को लाभ
अप्रैल 2009 के बाद के पात्र किसानों का प्रति परिवार 2 लाख रु. कर्ज माफ। चालू कृषि ऋण वाले किसानों को 25 हजार रु. या लिया गया कर्ज, जो भी कम हो, की प्रोत्साहन राशि दी गई। बैंकों से डाटा लिया और जिला स्तर पर कमेटी बनाकर सत्यापन कराया।