भोपाल। स्ट्रांग रूम सील हो जाने के बाद ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतों के बीच एक बड़ा मामला सामने आया है। मध्यप्रदेश के पुलिस मुख्यालय जिसे PHQ भी कहते हैं, में डाक मतपत्र लावारिस हाल में पड़े मिले हैं। बता दें कि चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी डाक मतपत्र के माध्यम से वोट डालते हैं। 2018 के चुनाव में कई स्थानों से शिकायत आई थी कि डाक मतपत्र के लिए कर्मचारियों को तंग किया गया। पुलिस विभाग के हजारों कर्मचारी डाक मतपत्र का उपयोग नहीं कर पाए।
मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान था। उससे पहले 18 नवंबर से डाक मतपत्र डालने का सिलसिला शुरू हुआ था। 4 हज़ार से ज़्यादा पुलिस कर्मचारी और अफसरों ने डाक मत पत्र डाले थे। पोस्टल बैलेट 26 नवंबर की शाम तक जमा कराने थे। 28 नबंवर को मतदान ख़त्म होने के बाद सभी तरह के मतपत्रों को पुरानी जेल में कड़ी सुरक्षा के बीच रखवा दिया गया था। मगर करीब हफ़्तेभर बाद अब सैकड़ों डाक मतपत्र पुलिस हेड क्वार्टर की पुरानी कैंटीन में पड़े मिले हैं। इससे निर्वाचन की प्रकिया पर सवाल उठ गया है। ये अब जांच का विषय है कि इतनी बड़ी मात्रा में ये डाक मतपत्र यहां कैसे आए।
जिस दिन पोस्टल बैलेट डाले जा रहे थे उस दिन भी पुलिस मुख्यालय पर हंगामा हुआ था। संख्या के हिसाब से व्यवस्था नहीं होने की वजह से मतदान के दौरान पुलिस अधिकारी-कर्मचारियों ने जमकर हंगामा किया था। जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने लाल परेड ग्राउंड के पुलिस जिम में मतदान की व्यवस्था की थी। जिम में भोपाल में आने वाली सात विधानसभाओं के लिए पोलिंग बूथ बनाया था। इस पोलिंग बूथ के लिए सिर्फ दो गेट थे, जहां से पुलिस कर्मचारियों के आने-जाने की व्यवस्था थी। यह नाकाफी थी। कर्मचारियों को वोट डालने में परेशानी हो रही थी जबकि 2008 और 2013 के मतदान में डाक मतपत्र के लिए काफी सुविधाएं दी गईं थीं।