विदिशा। सरकार बदलते ही अब मीसा बंदियों को दी जाने वाली पेंशन बंद किए जाने की मांग उठने लगी है। जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष अर्पित उपाध्याय ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र भेजकर जहां प्रदेश के किसानों कर्जा माफ करने के निर्णय पर आभार जताया है, वहीं मीसाबंदियों को दी जा रही हजारों रुपए पेंशन बंद किए जाने की मांग भी सीएम से की है।
कांग्रेस के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष उपाध्याय ने अपने पत्र में लिखा है कि प्रदेश की पूर्व भाजपा सरकार द्वारा मीसाबंदी पेंशन के जरिए भाजपा के लोगों को उपकृत किया जा रहा था। इससे प्रदेश पर आर्थिक बोझ पड़ रहा है। अर्पित उपाध्याय ने सीएम से मीसाबंदियों की पेंशन को बंद कर उक्त राशि प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ता के रूप में देने की मांग की है।
किसे, क्यों और कितनी पेंशन तय कर गई शिवराज सिंह सरकार
आपातकाल के दौरान राजनीतिक या सामाजिक कारणों से जेल में बंद रहे मीसाबंदियों को सरकार लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि (पेंशन) दे रही है। मात्र एक दिन भी मीसा कानून के तहत जेल में बंद रहने वाले व्यक्तियों को पेंशन की पात्रता दी गई है। इन्हें आठ हजार रुपए महीना पेंशन दी जा रही है। लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम 2008 के तहत कम से कम एक माह जेल में बंद रहने वालों को पेंशन की पात्रता थी। जिसे 1 दिन कर दिया गया। एक माह या इससे अधिक अवधि वाले लोगों को 25 हजार रुपए मासिक पेंशन दी जा रही है।