भोपाल। आरएसएस के रुख के बाद भाजपा हाईकमान ने भी शिवराज सिंह चौहान की मध्यप्रदेश में सक्रियता पर लगाम लगा दी है। चुनाव हारते ही शिवराज सिंह ने आभार यात्रा का ऐलान कर दिया था परंतु अब वह भी संकट मेें आ गई है। शिवराज सिंह की हालत बिल्कुल दिग्विजय सिंह जैसी हो गई है। संगठन नहीं चाहता कि वो मध्यप्रदेश में जनता के बीच जाएं।
बता दें कि चुनाव में हार के तत्काल बाद पत्रकारों से चर्चा के दौरान शिवराज सिंह ने कहा था कि वे आने वाले दिनों मे आभार यात्रा निकालेंगें। यह यात्रा प्रदेश के 52 जिलो में निकाली जाएगी। इस यात्रा के माध्यम से जनता से मिलेंगें और उनका आभार जताएंगे। संगठन को उनका यह ऐलान पसंद नहीं आया। भाजपा के हारे हुए प्रत्याशियों ने आभार सभाओं का आयोजन शुरू कर दिया है। दर्जनों सभाएं हो चुकीं हैं।
शिवराज सिंह की भूमिका तय नहीं
चुनाव हारने के बाद भाजपा पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए शिवराज सिंह तेजी से एक्टिव हुए थे। मीडिया ने कयास लगाए कि वो विदिशा से लोकसभा लड़ेंगे तो उन्होंने आगे बढ़कर इससे इंकार कर दिया। ऐलान कर दिया कि वो मध्यप्रदेश की ही राजनीति करेंगे। उनकी नजर नेता प्रतिपक्ष के पद पर है परंतु संगठन के नेता यह समझ नहीं पा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री नई सरकार से सवाल कैसे कर पाएगा जबकि उसकी अपनी हजारों घोषणाएं अधूरी हैं। कमलनाथ से दोस्ताना रिश्ते भी शिवराज सिंह के भविष्य पर सवाल खड़े कर रहे हैं।