भोपाल। शिवराज सिंह चौहान सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार की पत्नी डॉ किरण शेजवार के लिए शुरू की गई दीनदयाल वनांचल योजना को कमलनाथ सरकार ने बंद कर दिया है। दरअसल, यह योजना दस्तावेजों में तो आदिवासियों का जीवन बेहतर बनाने के लिए शुरू की गई थी परंतु असल में मंत्री की पत्नी डॉ किरण शेजवार का जीवन बेहतर बना रही थी। किरण शेजवार इस योजना की पर्यवेक्षक थीं और इस नाते तमाम सुविधाओं का लाभ उठा रहीं थीं। अभी सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय का मामला भी बाकी है।
आरोप है कि शिवराज सिंह सरकार ने अपनों को उपकृत करने के लिए 2016 में दीनदयाल वनांचल योजना शुरू की थी। इस योजना में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला बाल विकास, और आदिम जाति कल्याण विभाग को जोड़ दिया गया था। इस तरह योजना के लिए भारी भरकम बजट का प्रबंध हो गया था। दस्तावेजों में लिखा था कि इस योजना के माध्यम से आदिवासियों को बेहतर जीवन दिया जाएगा।
2016 से अब तक इस योजना के कारण आदिवासियों का जीवन बेहतर हुआ या नहीं, इसका तो कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। हां, मिसेज मंत्री का जीवन जरूर बेहतर हुआ। उन्हे डेली ड्यूटी से छुटकारा मिल गया। पर्यवेक्षक होने के कारण क्लास 1 अधिकारी से ज्यादा तमाम सुविधाएं भी मिलीं। बजट का क्या हुआ। यह जांच का विषय है।