भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक विधायक 2 दिन से दिल्ली में डटे थे। उन्होंने कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह में शामिल होने से इंकार कर दिया था। वो मंत्री मंडल में आधे पद और सिंधिया को कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे। संडे दोपहर 12 बजे सिंधिया ने सभी को वापस लौटने के लिए कहा। इस दौरान क्या डील हुई और हाईकमान ने क्या फैसला किया पता नहीं चल पाया है परंतु मंत्रीमंडल के गठन में इसका असर जरूर दिखाई देगा।
प्रदर्शनकारी विधायकों का कहना था कि जिस तरह राजस्थान में अशोक गहलोत को सीएम और सचिन पायलट को डिप्टी सीएम बनाया गया है उसी तरह सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी जाए। सभी विधायकों की मांग थी कि वैसे तो ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री बनाया जाना था लेकिन यदि ऐसा नहीं हुआ तो अब मध्य प्रदेश कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया को बनाया जाए अन्यथा पार्टी को विधायकों के विरोध का सामना करना पड़ सकता है। लगभग दो घंटे चले धरना के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया सभी विधायकों के बीच आए और कहा कि मैं राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से बात करूंगा और आप सभी की मांग उनके सामने रखूंगा। इस आश्वासन के बाद सभी विधायकों ने धरना समाप्त कर दिया।
सभी ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया था
कांग्रेस के नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के दिल्ली स्थित बंगले के बाहर मप्र विधानसभा चुनाव में नव निर्वाचित 60 से अधिक विधायक धरने पर बैठे थे। सभी विधायक एक स्वर में बोले कि हम सभी स्वतंत्र हैं। जो हमें सही लगेगा वहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम कोई भी फैसला ले सकते हैं जो कि मप्र में बनी सरकार के लिये खतरा साबित हो सकता है। सिंधिया निवास पर धरना में मुख्य रूप से नवनिर्वाचित विधायक प्रधुम्न सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, इमरती देवी, रंजीत जाटव, बनवारी लाल शर्मा, रघुराज कंसाना, गिर्राज दण्डोतिया और कमलेश जाटव शामिल हुए।
कांग्रेसियों ने लिखा खून से खत
ग्वालियर के फूलबाग चौराहे पर शनिवार की शाम कांग्रेसियों ने अपने खून से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को संबोधित करते हुए पत्र लिखा। जिसमें मांग की गई कि सिंधिया कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद स्वीकार करें। जिससे आने वाले चुनाव में कांग्रेस अपना खोया हुआ मुकाम हासिल कर सके। साथ ही अगले साल होने वाले आम चुनाव में युवा शक्ति को कांग्रेस से जोड़ा जा सके। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिस स्फूर्ति का संचार किया, उसी के कारण आज कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो सकी है।