भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के मध्यप्रदेश प्रेम को लेकर देश भर में बवाल मच रहा है। यूपी/बिहार के नेताओं को तो जैसे मौका मिल गया है। सपा चीफ अखिलेश यादव ने बयान जारी कर दिया है। माना जा रहा है कि मायावती भी देर सवेर कुछ कह सकतीं हैं। मप्र में कमलनाथ सरकार को सपा-बसपा के 3 विधायक समर्थन दे रहे हैं। इसलिए इनके बयान महत्वपूर्ण हो जाते हैं।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कमलनाथ सरकार को समर्थन देने वाले अखिलेश यादव ने उनके बयान की निंदा की है। अखिलेश ने कहा है कि यूपी-बिहार के लोगों पर लिया गया कमलनाथ सरकार का फैसला और बयान गलत है। इससे पहले बिहार में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सहित कई बड़े नेताओं ने भी इस बयान पर आपत्ति जताई है।
क्या था कमलनाथ का बयान
कमलनाथ ने कहा था कि जो उद्योग एमपी में लगाए जाएंगे, उनमें 70% स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा. हालांकि, उन्होंने यूपी-बिहार के लोगों पर बयान देते हुए यह भी कहा कि मैं उनकी आलोचना नहीं कर रहा हूं लेकिन हमारे मध्य प्रदेश के नौजवान वंचित रह जाते हैं।
बीजेपी-AAP ने भी की निंदा
कांग्रेस के सहयोगी ही नहीं बल्कि सत्ताधारी बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने भी कमलनाथ के इस बयान की आलोचना की है। बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने कमलनाथ के बयान को शर्मनाक बताते हुए कहा कि वह एक संवैधानिक पद पर बैठे हैं और इस तरह देश को बांटना नहीं चाहिए।
जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कमलनाथ के इस बयान को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रतिदिन संविधान बचाने का प्रलाप करते हैं और उनके मुख्यमंत्री क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'बिहार के लोग अपनी मेहनत के बल पर रोजगार पाते हैं। जद (यू) ऐसे बयानों की निंदा करती है जिससे क्षेत्रवाद को बढ़ावा मिलता है।' उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान है। इन राज्यों के कांग्रेसी नेताओं को भी ऐसे बयानों की निंदा करनी चाहिए।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि देश का संविधान देश के किसी भी कोने में किसी भी नागरिक को रहने, पढ़ने और काम करने की आजादी देता है। उन्होंने कांग्रेस पर क्षेत्रीयता का बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शुरू से क्षेत्रीयता, जातीयता, सांप्रदायिकता के आधार पर जनता को बांटकर शासन करती रही है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ से इससे ज्यादा की आशा करनी ही नहीं चाहिए।
कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि देश के कानून में ऐसा नहीं है कि कोई कहीं नहीं जा सकता और नौकरी नहीं कर सकता है। उन्होंने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा, 'उनके बयान को मैंने न देखा और न सुना है। उन्होंने किसी संदर्भ में ऐसी बात की होगी। उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बिना देश के किसी राज्य का काम नहीं चल सकता।'
जनता दल (युनाइटेड) के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कमलनाथ के इस बयान को संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रतिदिन संविधान बचाने का प्रलाप करते हैं और उनके मुख्यमंत्री क्षेत्रीयता को बढ़ावा देने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'बिहार के लोग अपनी मेहनत के बल पर रोजगार पाते हैं। जद (यू) ऐसे बयानों की निंदा करती है जिससे क्षेत्रवाद को बढ़ावा मिलता है।' उन्होंने कहा कि यह बयान बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों का अपमान है। इन राज्यों के कांग्रेसी नेताओं को भी ऐसे बयानों की निंदा करनी चाहिए।
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रवक्ता संजय टाइगर ने कहा कि देश का संविधान देश के किसी भी कोने में किसी भी नागरिक को रहने, पढ़ने और काम करने की आजादी देता है। उन्होंने कांग्रेस पर क्षेत्रीयता का बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस शुरू से क्षेत्रीयता, जातीयता, सांप्रदायिकता के आधार पर जनता को बांटकर शासन करती रही है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ से इससे ज्यादा की आशा करनी ही नहीं चाहिए।
कांग्रेस की सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि देश के कानून में ऐसा नहीं है कि कोई कहीं नहीं जा सकता और नौकरी नहीं कर सकता है। उन्होंने कमलनाथ का बचाव करते हुए कहा, 'उनके बयान को मैंने न देखा और न सुना है। उन्होंने किसी संदर्भ में ऐसी बात की होगी। उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों के बिना देश के किसी राज्य का काम नहीं चल सकता।'