MPPEB GROUP-4 घोटाला: जांच पूरी नहीं हुई और नियुक्तियों के आदेश जारी | MP NEWS

भोपाल। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड द्वारा आयोजित कराई गई ग्रुप-4 भर्ती परीक्षा में घोटाले की शिकायत के बाद सीएम कमलनाथ ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। अभी जांच पूरी नहीं हो पाई है और संचालनालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने मेरिट के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी है। बता दें कि पीईबी की मेरिट लिस्ट को ही विवादित बताया गया है और इसी की जांच की जा रही है। 

आरोप क्या है
मेरिट लिस्ट में 1 या 2 नहीं कई नाम ऐसे हैं जो पिछली परीक्षाओं जैसे जेल प्रहरी, वन रक्षक, पटवारी भर्ती परीक्षा में बेहद मामूली नंबर 35 से 45 अर्जित कर सके थे, वे इस बार 90 से 95 नंबर तक हासिल कर गए। सवाल यह पूछा जा रहा है कि ये छात्रा रातों रात इतने टेलेंटेड कैसे हो गए। कहां और कौन सा घोटाला हुआ है जो अब तक पकड़ा नहीं जा सका। उम्मीदवारों ने सभी संदिग्ध रेंकर्स की फिर से जांच कराने की मांग की थी। 

जांच में क्या हो रहा है
सीएम कमलनाथ के आदेश के बाद प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड ने इस मामले की जांच के लिए दो इंटर्नल कमेटी बनाई गई हैं। इन कमेटी को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई हैं। अब टॉप-10 में शामिल उम्मीदवारों का रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। इसके लिए परीक्षा आयोजित कराने वाली एजेंसी से भी रिकॉर्ड मांगा गया है। 

नगरीय प्रशासन ने क्या किया
नगरीय ​प्रशासन विभाग के अपर आयुक्त विकास मिश्रा ने एक मनमाना आदेश जारी कर दिया कि मेरिट के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाए। आपत्तिकर्ताओं का कहना है कि जांच निर्धारित अवधि में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं, कम से कम उतना इंतजार तो करना ही चाहिए था। दूसरा सवाल यह भी है कि 25 दिसम्बर को मंत्रिमंडल शपथ ले रहा है। मंत्री के आने से पहले फटाफट आदेश जारी करने के पीछे मंशा क्या है। क्या अपर आयुक्त विकास मिश्रा भी इस घोटाले की एक कड़ी हैं। 

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