भोपाल। शिवराज सिंह चौहान सरकार में हुए ई-टेंडर घोटाले की जांच सत्ता बदलते ही तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एसआईटी से इसकी जांच कराने की मांग की थी परंतु सीएम शिवराज सिंह ने मांग को खारिज कर दिया था। जानकारी के मुताबिक दिसंबर महीने के पहले हफ्ते में सीईआरटी यानि कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने 11 हार्डडिस्क में MPSEDC से डाटा ज़ब्त किया है। इस जांच के दायरे में प्रदेश के कई अफसर और कर्मचारी हैं।
सूत्रों की मानें तो EOW ने CERT से जांच करने का आग्रह किया था। CERT राष्ट्रीय स्तर पर कंप्यूटर और तकनीकी जांच के लिए नोडल जांच एजेंसी है जो केंद्र सरकार के अधीन काम करती है। पता चला है कि करीब 9 सरकारी टेंडर्स की जांच के लिए सीएस की ओर से EOW को जांच के लिए कहा गया था। ये सारे टेंडर तत्कालीन शिवराज सिंह चौहान सरकार ने रद्द कर दिए थे लेकिन शिकायत ये की गई थी कि इन डेंटर्स में मेनिपुलेशन किया गया है। इन टेंडरों की कीमत 3 हज़ार करोड़ से ऊपर है।
इस मामले में कांग्रेस का आरोप है कि घोटाला करीब 40 हज़ार करोड़ से ज़्यादा का है। इसकी परतें अब धीरे धीरे खुलेंगी। जिसने भी घोटाला किया है उससे वसूली भी की जाना चाहिए। बीजेपी का कहना है कि पिछली सरकार का इस ई टेंडरिंग घोटाले से कोई लेना देना नहीं है। जांच होगी तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।