नई दिल्ली। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी को महिला अधिकारी के साथ यौन दुर्व्यवहार का दोषी पाया गया है। आर्मी कोर्ट मार्शल प्रक्रिया में वरिष्ठ अधिकारी को बर्खास्त करने का आदेश दिया है। दो साल पहले एक कैप्टन रैंक की महिला अधिकारी ने नगालैंड में वरिष्ठ अधिकारी के यौन शोषण करने की शिकायत की थी।
सूत्रों का कहना है कि 2015 में इस वरिष्ठ अधिकारी ने म्यांमार में क्रॉस बॉर्डर कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस साहसिक भागीदारी के कारण अधिकारी का प्रमोशन भी हुआ था। दोषी पाए गए अधिकारी ने इस प्रकरण को सेना के भीतर चल रही गुटबाजी बताया। अधिकारी का कहना है कि कुछ लोगों ने उनके खिलाफ साजिश की है और वह फंसाए गए हैं।
सूत्रों का कहना है कि मेजर जनरल के खिलाफ किया गया कोर्ट मार्शल के फैसले को अभी वरिष्ठ उच्चस्तरीय अधिकारियों जिनमें आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत भी हैं के द्वारा अनुमति नहीं दी गई है। सेना के कानूनों के तहत यह अनुमति लेना अनिवार्य है।
यौन शोषण और अनुचित व्यवहार का दोषी करार
कोर्ट मार्शल वेस्टर्न आर्मी कमांड चंडीमंदिर में किया गया जिसकी अध्यक्षता लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी ने की। जांच टीम ने अधिकारी को आईपीसी की धारा 354A (यौन शोषण का दोषी), सेक्शन 45 (अनुचित व्यवहार का दोषी) के तहत दोषी करार दिया। महिला अधिकारी कैप्टन रैंक की हैं और जज अडवोकेट ब्रांच में तैनात हैं। मेजर जनरल ने महिला अधिकारी को अपने कमरे में कोहिमा में बुलाया और उन्हें गलत तरीके से छुआ और दुर्व्यवहार किया था।