नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल की नियुक्ति के समय आरोप लगे थे कि वो अंबानी के रिश्तेदार हैं इसलिए उन्हे गवर्नर बनाया गया है ताकि मोदी सरकार मनमानी कर सके परंतु उर्जित पटेल ने तत्काल प्रभाव इस्तीफा दे दिया। मोदी सरकार की पसंद वाले गर्वनर का इस तरह इस्तीफा देकर तत्काल प्रभाव से चले जाना, विपक्ष को मौका दे गया है कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह को टारगेट पर लिया जा सके।
उर्जित पटेल ने अपने बयान में कहा है कि वह निजी कारणों से इस्तीफा दे रहे हैं। पटेल ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया है। पटेल ने कहा कि यह उनके लिए बड़े सम्मान की बात थी कि वह इतने वर्षों तक आरबीआई के साथ अनेक भूमिकाओं में रहे।
गौरतलब है कि हाल ही में केन्द्रीय बैंक गवर्नर और केन्द्र सरकार में स्वायत्तता को लेकर विवाद खड़ा हुआ था। हालांकि इस विवाद के बाद केन्द्र सरकार में बयान दिया था कि उसके और केन्द्र सरकार के बीच स्वायत्तता को लेकर कोई विवाद नहीं हैं।
वहीं खबरों के मुताबिक केन्द्र सरकार और आरबीआई के विवाद के बीच केन्द्र सरकार द्वारा आरबीआई के खजाने में पड़े सिक्योरिटी डिपॉजिट को लेकर था। रिपोर्ट के मुताबिक केन्द्र सरकार केन्द्रीय रिजर्व से अधिक अंश की मांग कर रहा था।