भोपाल। फिल्म गदर तो आपको याद ही होगी जिसमें 'तारा सिंह' यानी सनी देओल अपनी पत्नी को लेने के लिए पाकिस्तान जाता है, कुछ ऐसी ही कहानी है मोहम्मद इमरान वारसी की भी है। वो भारत में अपने प्यार की खातिर आया था परंतु पुलिस ने जासूस समझकर पकड़ लिया। 14 साल तक वो जेल में रहा। अब उसे रिहा किया जा रहा है। उसका गुनाह यह था कि वो फर्जी दस्तावेज के सहारे भारत में घुस आया था।
26 दिसंबर को वाघा बॉर्डर से होगी वापसी
पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद इमरान वारसी (40) ने भोपाल जेल में 10 साल की सजा काटी है। 26 दिसंबर को उसे वाघा बॉर्डर से वापस पाकिस्तान के अधिकारियों को सौंपा जाएगा। भोपाल के शाहजहांनाबाद इलाके के सीएसपी नागेन्द्र कुमार पटेरिया ने कहा कि कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वारसी को भेजा जाएगा। उन्होंने बताया कि डिस्ट्रिक्ट फॉरेन रजिस्ट्रेशन आफिसर और भोपाल पुलिस अधीक्षक धर्मवीर यादव के कार्यालय ने शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन को इस संबंध में पत्र और दस्तावेज दिए हैं।
वारसी पर ये थे आरोप
पाकिस्तानी नागरिक वारसी पर षडयंत्र करने, धोखा देने, नकली दस्तावेज पेश करने के साथ-साथ पासपोर्ट अधिनियम और ऑफिसियल सीक्रेट एक्ट का आरोप था। मध्यप्रदेश पुलिस ने उसे साल 2008 में नकली दस्तावेजों के साथ भोपाल में गिरफ्तार किया था। इन्हीं मामलों में दोषी पाए जाने पर कोर्ट ने उसे 10 साल की सजा सुनाई थी।
पुलिस स्टेशन में गुजार रहा दिन
इमरान 10 साल की सजा काटने के बाद जेल से करीब 9 महीने पहले रिहा हो गया था। वह अभी शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन के डिटेन्शन सेंटर में रह रहा है। वारसी रिहा है पर नियमों के अनुसार वह शाहजहांनाबाद पुलिस स्टेशन के दायरे से बाहर नहीं जा सकता। पुलिसकर्मी उसके लिए खाने-पीने और दूसरी चीजों की व्यवस्था करते हैं। वह रात में इसी पुलिस स्टेशन के अंदर सोता है।
प्यार की खातिर आया था इंडिया
इमरान भी भारतीय नागरिक हामिद अंसारी की तरह अपने प्यार की खातिर साल 2004 में पाकिस्तान से कोलकाता आया था। यहां उसने अपने मामा की बेटी से शादी की थी, जिससे वह प्यार करता था। इस समय वारिस के दो बेटे हैं। इमरान करीब चार साल कोलकाता में रहा। साल 2008 में पासपोर्ट और वीजा बनवाने भोपाल आया, जहां नकली दस्तावेजों के साथ उसे पकड़ लिया गया।