NEW DELHI: किसी भी BANK में पर्सनल लोन एक ऐसा फीचर है जो खाताधारकों के लिए सबसे फायदेमंद हो सकता है परंतु ज्यादातर लोग यह जानते ही नहीं। वो अक्सर बैंक कर्मचारियों से पूछते हैं कि 'क्या मुझे भी पर्सनल लोन मिल सकता है' या 'मुझे कितना पर्सनल लोन मिल सकता है' आइए हम आपको इन सवालों को जवाब से अवगत कराते हैं ताकि आपको किसी से पूछना ना पड़े और सही सलाहकार की तलाश में आपका वक्त बर्बाद होने से बचे:
सबसे पहले एक बात समझ लीजिए कि कोई भी बैंक या फाइनैंशल कंपनी आपको पर्सनल लोन इस आधार पर देती है कि उसे चुकाने की 'आपकी क्षमता' क्या है? अगर आपकी पर्सनल लोन चुकाने की क्षमता होगी तभी कोई आपको लोन देने के लिए तैयार होगा। इसके लिए बैंक कई तरह से आपकी क्षमताओं का आकलन करता है और पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही लोन पास करता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि पर्सनल लोन के लिए आपकी योग्यता कैसे चेक की जाती है।
1. Income Source तय करता है पर्सनल लोन मिलेगा या नहीं
सबसे पहले तो बैंक या कंपनी यह देखती है कि आपकी इनकम का सोर्स क्या है और कितना स्थायी है। इसके लिए आपकी सैलरी स्लिप, टैक्स रिटर्न्स, बैंक स्टेटमेंट वगैरह देखे जाते हैं।
2. SAVINGS: तय करतीं हैं कितना पर्सनल लोन मिलेगा
पर्सनल लोन के लिए आपकी सेविंग्स भी देखी जाती है। आप ट्रैवल, रहन-सहन वगैरह पर कितना खर्च करते हैं, इसे देखा जाता है। सामान्यतः बैंक 30 पर्सेंट का थमरूल लेकर चलते हैं, जिसके तहत आपकी कुल आय के 30 फीसदी हिस्से को आपकी बचत माना जाता है।
3. EMI तय करतीं हैं आपको तत्काल पर्सनल लोन दिया जाए या नहीं
अगर आप पहले से ही कोई ईएमआई भर रहे हैं तो ईएमआई के अमाउंट को आपकी बचत में अलग कर दिया जाता है। फिर बैंक अपनी मौजूदा ब्याज दर का आकलन करके उस मिनिमम अमाउंट की गणना करता है जो आपको बैंक को देनी है। फिर यह देखा जाता है कि क्या अब आप उसे देने में सक्षम हैं।
4. PROPERTY तय करती है कि आपको कितना ज्यादा पर्सनल लोन दिया जा सकता है
पर्सनल लोन लेने के लिए प्रॉपर्टी भी एक योग्यता होती है। बैंक यह देखता है कि लोन लेने वाले व्यक्ति के पास कितनी प्रॉपर्टी है? क्या लोन न चुकाने की स्थिति में उसकी प्रॉपर्टी से बैंक लोन को पूरा किया जा सकता है?