नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी पर कभी भी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे परंतु भ्रष्ट अधिकारियों, कारोबारियों एवं नेताओं को संरक्षण और प्रोत्साहन देने के आरोप अक्सर लगते रहते हैं। एक बार फिर एक गंभीर आरोप सामने आया है। यह आरोप कांग्रेस ने नहीं बल्कि भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने लगाया है। मामला भारतीय रिजर्व बैंक में गवर्नर की नियुक्ति का है। पीएम नरेंद्र मोदी पर पहले से ही आरोप लगा हुआ है कि वो आरबीआई की आजादी खत्म करके उसे अपने कब्जे में करना चाहते हैं।
स्वामी ने यहां इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के संवाद सत्र में कहा, 'आरबीआई के नए गवर्नर अत्यधिक भ्रष्ट हैं। मैंने उन्हें (वित्त मंत्रालय से) हटवा दिया था। मैं शक्तिकांत दास को भ्रष्ट व्यक्ति कह रहा हूं। मैं हैरान हूं कि जिस व्यक्ति को भ्रष्टाचार के चलते मैंने वित्त मंत्रालय से हटवा दिया था उसे गवर्नर बनाया गया।' यह पूछे जाने पर कि उनके हिसाब से किसे आरबीआई का नेतृत्व करना चाहिए, इस पर राज्यसभा सदस्य स्वामी ने भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरू के प्रोफेसर आर. वैद्यनाथन का नाम लिया।
उन्होंने कहा, 'आईआईएम-बी में वित्त के पूर्व प्रोफेसर आर. वैद्यनाथन बेहतर हो सकते थे। वह संघ के पुराने व्यक्ति भी हैं। वह हमारे व्यक्ति हैं।' अगले साल आम चुनाव के बारे में पूछे जाने पर स्वामी ने कहा कि भगवा पार्टी सत्ता में आएगी क्योंकि नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ 'कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है।'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर एक सवाल पर स्वामी ने आरोप लगाया कि उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है और वह प्रधानमंत्री नहीं बन सकते। गांधी इस आरोप को पहले ही खारिज कर चुके हैं। राम मंदिर के मुद्दे पर उन्होंने कहा, 'तमिलनाडु में भी व्यापक स्तर पर यह आकांक्षा है कि राम मंदिर बनाया जाए और हम बनाएंगे।'
उल्लेखनीय है कि उर्जित पटेल के अचानक आईबीआई गर्वनर के पद से इस्तीफा देने के बाद सरकार ने पूर्व आईएएस अधिकारी शक्तिकांत दास को नया गवर्नर बनाया है। सरकार के साथ मतभेद के कारण उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद दास ने पिछले सप्ताह आरबीआई के 25वें गवर्नर का पदभार संभाला था।