नई दिल्ली। बिहार पुलिस के कारनामों की लिस्ट में यह घटनाक्रम भी जुड़ गया है। यह कहानी देश भर की पुलिस के लिए भी नजीर है। बिहार की जहानाबाद पुलिस ने एक वारंटी व्यापारी को गिरफ्तार कर पेश किया। कोर्ट ने उसे देखते ही माथा पीट लिया। कोर्ट ने ना केवल व्यापारी को तत्काल मुक्त किया बल्कि पुलिस को जमकर फटकार भी लगाई।
पत्रकार श्री रागिब अहसन की रिपोर्ट के अनुसार जिले के मखदुमपुर बाज़ार के रहने वाले व्यवसायी नीरज कुमार का अपनी पत्नी से पिछले छह वर्षों से विवाद चल रहा है। उसी के जीवनयापन भत्ता के लिए कोर्ट से उनकी संपत्ति के विवरण के लिए स्थानीय थाना में संपत्ति जांच वारंट आया था। इस वारंट की तामील में पुलिस अधिकारी मौके पर जाकर संपत्ति का विवरण सूचीबद्ध करके कोर्ट को भेज देते हैं लेकिन तैनात अधिकारियों और पुलिस कर्मियों ने गिरफ्तारी वारंट समझ लिया और 25 नवंबर को दुकान पर छापामार कार्रवाई करके व्यापारी नीरज कुमार को भरे बाजार गिरफ्तार कर लिया गया।
इस दौरान नीरज लाख मिन्नत करते रहे, लेकिन इसके बावजूद पुलिसवालों ने एक न सुनी और गिरफ्तारी के बाद हथकड़ी लगा कर नीरज को हवालात में डाल दिया। सारी रात हवालात में रखने के बाद दूसरे दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे देखते ही माथा पीट लिया, क्योंकि कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी ही नहीं किया था। इस संबंध में पुलिस के अधिकारी एएसपी पंकज कुमार ने बताया कि गिराफ्तार युवक की संपत्ति जांच करने का वारंट आया था, परंतु उसकी गिरफ्तारी कैसे हुई यह जांच का विषय है और जल्द ही जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।