भोपाल। पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याता संघ की ओर से मुख्यमंत्री कमलनाथ जी को भेजे गए पत्र में कहा गया कि पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों में कालखण्ड व्यवस्था समाप्त कर अतिथि व्याख्याताओं (विद्वानों) को तकनीकी शिक्षा विभाग में नियमित किया जावे।
संगठन के अध्यक्ष योगेश इन्दोरिया द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार सचिव दिनेश कुमार सेन ने बताया कि अतिथि व्याख्याताओं के द्वारा महाविद्यालय में, महाविद्यालय का समस्त कार्य जैसे- शिक्षण, प्रायौगिक, परीक्षा, उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन आदि कार्यों के साथ महाविद्यालय के अन्य प्रशासनिक कार्य नियमबद्ध किये जाते है।
पूर्व की सरकार द्वारा तकनिकी शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश के 67 पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं के हितों को दरकिनार करते हुए अन्य महाविद्यालय के अतिथि विद्वानों को 3 वर्ष की संविदा एवं मानदेय रुपये 30000 बढाया गया एवं स्कूल शिक्षा विभाग के अतिथि शिक्षकों को लाभ दिया गया। जबकि तकनीकी शिक्षा विभाग के पॉलिटेक्निक महाविद्यालयों के अतिथि विद्वानों को वंचित रखा। इस भेदभाव को नवगठित कांग्रेस सरकार ने भी अपने वचन पत्र में सामिल नही किया। जिससे पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं (विद्वानों) में रोष व्याप्त है।
नवगठित कांग्रेस सरकार से संघ का अनुरोध इस प्रकार है
1. अतिथि व्यवस्था समाप्त कर तदर्थ व्यवस्था लागू की जावे।
2. वर्तमान में अतिथि विद्वानों के सामान ही पॉलिटेक्निक अतिथि व्याख्याताओं को भी समान हितों का लाभ एवं सामान कार्य का सामान वेतन प्रदान किया जावे।