सूर्य को जल चढ़ाने के लिए कभी भी स्टील के लोटे का उपयोग नहीं करना चाहिए, वरना सूर्य पूजा का पूरा फल नहीं मिलता है। पूजा में GOLD, चांदी, पीतल और तांबे के बर्तनों का उपयोग शुभ माना गया है। इन धातुओं को रगड़ना त्वचा के लिए लाभदायक रहता है।
साथ ही धार्मिक कर्मों ( Religious actions) के लिए लोहा, स्टील और एल्युमीनियम को अपवित्र धातु माना गया है। लोहे में हवा, पानी से जंग लग जाता है। एल्युमीनियम से भी कालिख निकलती है। पूजन में कई बार मूर्तियों को हाथों से स्नान कराया जाता है, उस समय इन मूर्तियों को रगड़ा भी जाता है।
ऐसे में लोहे और एल्युमीनियम से निकलने वाले जंग और कालिख का हमारी SKIN पर बुरा प्रभाव पड़ता है। स्टील प्राकृतिक धातु नहीं है, इस वजह से इसका उपयोग पूजा में नहीं करना चाहिए।