नई दिल्ली: शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी को चतुर्ग्रही योग में मनाई जाएगी। धनु राशि में सूर्य होने के कारण धन की प्राप्ति के लिए लक्ष्मी की आराधना, पितृ दोष शांति एवं शनि को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ दिन रहेगा।
ज्योतिषाचार्य पं. विजयभूषण वेदार्थी के अनुसार शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन धनु राशि में सूर्य के साथ चंद्र, बुध व शनि की युति होने के कारण चतुर्ग्रही योग बन रहे हैं। धनु राशि में सूर्य ग्रह के चलते शनिश्चरी अमावस्या का महत्व सूर्य और शनि की युति के कारण और अधिक बढ़ जाता है।
धन प्राप्ति के लिए क्या करें / What to do to get money
इस दिन धन की प्राप्ति के लिए कनक धारा स्त्रोत का पाठ, दुर्गा सप्तशती चरित्र का पाठ, अन्नपूर्णा स्त्रोत का पाठ वैदिक विधि से करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होकर अपार सम्पत्ति प्राप्त कराती हैं।
पितृ दोष मुक्ति व शनि की शांति के लिए क्या करें / What to do for father's liberation and Saturn peace
पितृ दोष की शांति के लिए नांदी श्राद्ध कराना चाहिए। शनि की ढैया एवं साढ़े साती की शांति के लिए शनि ग्रह के तांत्रिक एवं वैदिक बीज मंत्रों का जाप एवं शनि से संबंधित वस्तुओं जैसे काला वस्त्र, काले तिल, उड़द की दाल, सरसों का तेल, लोहे का सामान, छतरी, जूते, कंबल, भैंस, श्यामा धेनु का दान करना शुभ फल प्रदान करेगा।
2019 में कुल 8 अमावस्या महत्वपूर्ण / The total of 8 amavasya in 2019 is significant
ज्योतिर्विद पं. नितिन तिवारी उर्फ रिंकू शास्त्री के अनुसार 2019 साल में तीन शनिश्चरी अमावस्या, तीन सोमवती अमावस्या, दो भौमवती अमावस्या पड़ेंगी। शनिश्चरी अमावस्या 5 जनवरी, 4 मई और 28 सितंबर को पड़ेगी। सोमवती अमावस्या 4 फरवरी, 3 जून और 28 अक्टूबर को होगी। भौमवती अमावस्या 2 जुलाई और 28 नवंबर को होगी।
शनि से पीड़ित लोग ये उपाय करें / People suffering from SHANI make these measures
ज्योतिर्विद डॉ. एचसी जैन के अनुसार जिन जातकों की राशि में शनि से कष्ट है, वे
तुला दान कर गरीबों को दान करें।
शनि देव का अभिषेक शुद्ध सरसों के तेल से करने से शनि का प्रकोप कम होगा।
उड़द दाल की खिचड़ी दान करें।
तिल एवं उड़द से बने पकवान गरीबों को दान करें।
काले रंग का श्वान इस दिन से पालें और उसकी सेवा करें।
शनि अमावस्या के दिन या रात्रि में शनि चालीसा का पाठ, शनि मंत्रों का जाप एवं हनुमान चालीसा का पाठ करें।
अमावस्या की रात्रि में 8 बादाम और 8 काजल की डिब्बी काले वस्त्र में बांधकर संदूक में रखें।
शनि यंत्र, शनि लॉकेट, काले घोड़े की नाल का छल्ला धारण करें।
इस दिन नीलम या कटैला रत्न धारण करें, जो शुभ फल प्रदान करता है।
इस दिन पीपल के पेड़ पर सात प्रकार का अनाज चढ़ाएं और सरसों के तेल का दीपक जलाएं।