नई दिल्ली। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने स्कूलों के नाम सार्वजनिक सर्कुलर जारी करके स्पष्ट कर दिया है कि वो बच्चों के स्कूल एडमिशन के लिए 12 अंकों वाली बायोमीट्रिक संख्या (Aadhaar) मुहैया कराने की पूर्व शर्त नहीं रखें। यूआईडीएआई ने चेतावनी दी कि ऐसा करना उच्चतम न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ होगा। स्कूल संचालक को सुप्रीम कोर्ट की अवमानना के मामले में जेल भी भेजा जा सकता है।
यूआईडीएआई ने यह चेतावनी ऐसे समय में दी है जब दिल्ली के 1,500 से अधिक निजी स्कूलों में नर्सरी और प्रवेश स्तर की अन्य कक्षाओं के लिए दाखिले की प्रक्रिया शुरू हुई है। ऐसी खबरें हैं कि कुछ स्कूल दाखिले के लिये आवश्यक दस्तावेजों के नाम पर आधार की भी मांग कर रहे हैं। यूआईडीएआई ने कहा है कि उसे भी इस तरह की खबरें मिली हैं।
यूआईडीएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अजय भूषण पांडेय ने कहा, ‘‘यह ठीक नहीं है। यह कानून के प्रावधानों के अनुसार नहीं है। स्कूलों में दाखिले तथा बच्चों की अन्य सुविधाओं के लिये आधार मुहैया कराना अनिवार्य नहीं किया जा सकता है''। यूआईडीएआई ने स्कूलों तथा उनके प्रबंधन को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि किसी भी बच्चे को आधार के चलते दाखिले से वंचित नहीं रहना पड़े।
उन्होंने कहा, ‘‘दरअसल विद्यालयों को चाहिये वे बच्चों को बिना आधार के प्रवेश दें और यह सुनिश्चित करें कि प्रवेश के बाद विशेष शिविर लगाकर उनका आधार कार्ड बनवाया जाए''। यह पूछे जाने पर कि आधार की मांग पर अड़े रहने वाले स्कूलों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई होगी, पांडेय ने कहा कि यह सीधा-सीधा उच्चतम न्यायालय के आदेश की अवहेलना होगी।