ग्वालियर। क्या यह स्कूल लेवल का टी-20 घोटाला है। 13 राज्यों के 3000 STUDENTS को बीसीसीआई के नाम पर आकर्षित किया गया और प्रति छात्र 5900 रुपए रजिस्ट्रेशन फीस वसूल ली। फिर बताया गया कि अंडर-18 नेशनल स्कूल क्रिकेट लीग का आयोजन स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ( SGFI ) और आईजेपीएल स्पोर्ट्स ( IJPL ) मैनेजमेंट कंपनी द्वारा किया जा रहा है परंतु एसजीएफआई को आधिकारिक रूप से पता ही नहीं है कि कोई आयोजन हो रहा है या नहीं।
जब पत्रकार विशाल सिंह भदौरिया ने आयोजन की पड़ताल की तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। एसजीएफआई के उपाध्यक्ष आलोक खरे को इस आयोजन के बारे में कोई लिखित जानकारी नहीं है। एसजीएफआई के सचिव राजेश मिश्रा ने कहा, "हमने आलोक खरे को मौखिक रूप से सब बताया है।' एसजीएफआई के आयोजन के बारे में लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) को भी बताया जाता है। लेकिन मप्र लोक शिक्षण संचालनालय के उप संचालक (खेल) एसके परसाई ने कहा, "मुझे इस लीग को लेकर अभी तक कुछ पता नहीं है।'
अगर, यह Tournament board का होता तो Stadium का किराया नहीं देना पड़ता
लीग के बारे में मप्र क्रिकेट एसोसिएशन, ग्वालियर एसोसिएशन भी अनभिज्ञ है। उधर, आयोजकों ने 10 हजार रु. रोज के किराए पर कैप्टन रूपसिंह स्टेडियम लिया है। अगर, यह टूर्नामेंट बोर्ड का होता तो किराए की नौबत ही नहीं आती, क्योंकि स्टेडियम एसोसिएशन का है। मप्र क्रिकेट एकेडमी के पूर्व चीफ कोच मदनलाल ने कहा, "ऐसे आयोजन का मतलब नहीं है, जो बीसीसीआई से रजिस्टर्ड नहीं है।'
SGFI सचिव राजेश मिश्रा का भाई है लीग का CEO
इस लीग के सीईओ प्रदीप मिश्रा हैं। प्रदीप मिश्रा एसजीएफआई के संयुक्त सचिव हैं। ये एसजीएफआई के सचिव राजेश मिश्रा के छोटे भाई हैं। राजेश ने ही लीग को प्राइवेट कंपनी से कराने की छूट दी है। वहीं, सीईओ प्रदीप मिश्रा ने कहा, "बीसीसीआई ऑफ रोल हमारी हेल्प कर रही है। यहां से चयनित टीम को एशियन टूर्नामेंट और वर्ल्ड स्कूल गेम्स में खेलने भेजेंगे। लीग के लिए लगभग 3 हजार बच्चों ने रजिस्ट्रेशन कराए। अगले साल से लीग हम खुद ही कराएंगे।'
इसे BCCI का टूर्नामेंट/Tournament बताना गलत
इस लीग से बीसीसीआई का संबंध नहीं है। एसजीएफआई सरकारी बॉडी है। वह आयु वर्ग के हिसाब से स्कूल लेवल के टूर्नामेंट कराती है। इसे बीसीसीआई का टूर्नामेंट बताना गलत है।
सबा करीम, जीएम बीसीसीआई
"लीग में एसजीएफआई के नेशनल क्रिकेटरों का चयन ही नहीं हुआ मैं एसजीएफआई के नेशनल टूर्नामेंट में खेलूंगा। फिर भी लीग के लिए नहीं चुना गया। मैंने भी 5900 रु. जमा किए थे। टीम में सलेक्शन के क्या मानक थे? यह समझ नहीं आया।"
अंकित राजपूत, नेशनल क्रिकेटर, एसजीएफआई
"भोपाल में ट्रायल में हम लोगों से कहा था कि बीसीसीआई का सपोर्ट है। मुझे टीम में जगह नहीं मिली। जबकि तीन बार एसजीएफआई के नेशनल क्रिकेट टूर्नामेंट में जगह बना चुका हूं।" -
आकाश लोधी, नेशनल क्रिकेटर, एसजीएफआई
यह BCCI का आयोजन नहीं
इस लीग से बीसीसीआई का संबंध नहीं है। एसजीएफआई सरकारी बॉडी है। वह आयु वर्ग के हिसाब से स्कूल लेवल के टूर्नामेंट कराती है। इसे बीसीसीआई का टूर्नामेंट बताना गलत है।
-सबा करीम, जीएम बीसीसीआई