भोपाल। मध्यप्रदेश में अब भाजपा के विधायक भी शिवराज सिंह चौहान से मुक्ति चाहते हैं। विधायकों की एक बड़ी संख्या ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचारकों से मुलाकात कर ना केवल नाराजगी प्रकट की है बल्कि यह भी भरोसा दिलाया है कि यदि भाजपा के विधायक दल को शिवराज सिंह से स्वतंत्र कर दिया गया तो सत्ता परिवर्तन आसान हो जाएगा। प्रयोग के तौर पर विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव लड़ने पर सहमति हो गई है। अब भाजपा विधानसभा में अध्यक्ष पद के लिए अपना प्रत्याशी उतार सकती है।
विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव एक प्रयोग होगा
विधानसभा का सत्र 7 जनवरी से शुरू होने जा रहा है। भाजपा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा कर सकती है। हालांकि भाजपा की तरफ से उम्मीदवार कौन होगा, यह अभी तय नहीं है लेकिन भाजपा के विधायकों को भरोसा है कि उम्मीदवार जो भी हो, यदि वो शिवराज सिंह चौहान के ठप्पे के साथ नहीं होगा तो इसे जीता जा सकता है। विधायकों का कहना है कि कांग्रेस से नाराज बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी और निर्दलीय विधायक भाजपा का साथ दे सकते हैं।
अंतिम फैसला नहीं लेकिन संघ भी सहमत
हालांकि अभी भाजपा के नेतृत्व ने इसे लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया है। सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी चाहता है कि भाजपा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करे, क्योंकि विधायकों की संख्या में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। भाजपा के कई वरिष्ठ विधायकों ने भी संघ को यह सुझाव दिया है।
प्रदेश भाजपा कार्यसमिति में कोई चर्चा नहीं
उम्मीदवार खड़ा करने को लेकर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने अभी फैसला नहीं लिया है। प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच इसे लेकर चर्चा नहीं हुई है।
नेता प्रतिपक्ष पर टल सकता है फैसला
भाजपा में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए भी कई दावेदार हैं। माना जा रहा है कि नेता प्रतिपक्ष पद का निर्णय भाजपा फिलहाल टाल सकती है और पहले सत्र में नेता प्रतिपक्ष के बिना ही कांग्रेस को घेरने की तैयारी करेगी।