भोपाल। मध्यप्रदेश की 1.56 करोड़ जनता ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को चुना है। वो शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहते थे। इनमें से ज्यादातर ऐसे ही हैं जिन्होंने शिवराज सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में ही देखा है। वो जानना चाहते हैं कि उनके प्रिय नेता ने अब जबकि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है तो वो क्या करेंगे और क्या वो उस 1.56 करोड़ मतदाताओं के लिए काम करेंगे जिन्होंने उन्हे वोट दिया है।
इस मामलों के लिए शिवराज सिंह को याद किया जाएगा / Shivraj Singh will be remembered for this matter
प्राकृतिक आपदा के बाद किसानों को मुआवजा के नियम बदले। 1
मध्यप्रदेश में सड़कों का जाल बिछाया।
मध्यप्रदेश में बिजली की समस्या समाप्त कर दी।
मध्यप्रदेश के बुजुर्गों को तीर्थ यात्राएं कराईं।
निर्धन परिवार की बेटियों के विवाह कराए।
ये हैं शिवराज सिंह के दामन पर दाग / These are the scars on the neck of Shivraj Singh
व्यापम घोटाला जिसमें 50 से ज्यादा लोगों की संदिग्ध मौत भी हुई।
डंपर घोटाला जिसकी जांच में शिवराज निर्दोष पाए गए लेकिन लोग आज भी उन्हे दोषी मानते हैं।
ई-टेंडर घोटाला जिसकी जांच ही नहीं होने दी गई।
मंदसौर गोलीकांड: जिसमें 6 किसानों की मौत हुई।
शिवराज सिंह की संक्षिप्त कहानी / Short story of Shivraj Singh
13 सालों से सीएम की कुर्सी पर काबिज शिवराज सिंह आज भले ही सूबे के सबसे सफल मुख्यमंत्री कहलाते हों, लेकिन उनके राजनीतिक करियर की शुरूआत संघ के मामूली कार्यकर्ता के तौर पर हुई थी। इमरजेंसी के दौर में जेल जाने से उनकी नेतृत्व क्षमता मजबूत हुई। 1975 में छात्र राजनीति से शुरूआत करने वाले शिवराज सिंह को 1990 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर सीहोर की बुधनी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने का मौका मिला। महज एक साल बाद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी लोकसभा सीट विदिशा से शिवराज सिंह को उत्तराधिकारी बनाया।
अब क्या करेंगे शिवराज सिंह / What will you do now, Shivraj Singh
अब इस हार के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि वे प्रदेश की बजाय केंद्र की राजनीति में सक्रिय हों। ये भी हो सकता है कि आने वाले वक्त में वे केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होकर मध्यप्रदेश में बीजेपी के मिशन-2019 की राह को आसान बनाएं, या फिर राष्ट्रीय संगठन में दखल बढ़ाकर 2019 के मिशन में अपनी दावेदारी मजबूत करें। उन्होंने अपनी लोकसभा सीट सुषमा स्वराज को दी थी। स्वराज ने वो सीट अब खाली कर दी है। काफी संभावनाएं हैं कि 19 का चुनाव शिवराज सिंह विदिशा से लड़ें, क्योंकि लोकसभा में नरेंद्र मोदी के लिए एक एक सीट महत्वपूर्ण है। शिवराज भविष्य में क्या करते हैं, इसका फैसला उन्हें ही लेना है, लेकिन ये तो तय है कि इस हार के बावजूद पार्टी में वे अपनी जगह नहीं खोने वाले।