भोपाल। देश में लम्बे समय से प्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली लागू किए जाने की मांग उठती रही है। मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में यह लागू भी है परंतु देश में अब तक लागू नहीं की गई है। यदि विधानसभा चुनावों में DIRECT ELECTION SYSTEM लागू होता तो शिवराज सिंह चौहान आज भी मुख्यमंत्री होते।
मप्र में BJP के प्रत्याशी हारे लेकिन CM कैंडिडेट जीता
यदि मध्यप्रदेश में भाजपा और कांग्रेस के कुल मतों को देखा जाए तो जीत भाजपा की हुई है। यह सीएम कैंडिडेट की जीत है लेकिन जब हम विधानसभा सीटों पर विजयी प्रत्याशियों की गिनती करते हैं तो कांग्रेस के पास सबसे ज्यादा विधायक हैं। मध्यप्रदेश में BJP को 41.0% प्रतिशत वोट मिले हैं। इनका कुल योग 1.56 करोड़ से अधिक है जबकि INC को 40.9% वोट मिले हैं और इनका कुल योग 1.55 करोड़ से ज्यादा है। इस नजरिए से देखा जाए तो जनता ने सीएम शिवराज सिहं के नाम पर ज्यादा वोट दिए हैं।
SHIVRAJ SINGH भी चाहते थे प्रत्यक्ष ELECTION SYSTEM
15 मार्च 2009 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्रियों के चुनाव (प्रत्यक्ष प्रणाली) के आधार पर कराने की आवश्यकता जताते हुए कहा था कि इसके लिए सभी राजनैतिक दलों को सकारात्मक रूख प्रदर्शित करना चाहिए। इतना ही नहीं उन्होंने एक महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार को रोकने के लिए चुनाव के दौरान प्रचार कार्य और निर्वाचन से जुड़े विभिन्न व्यय सरकार को ही उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनावी चंदा देश में भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा कारण है। इस पर रोक लगाने के लिए आवश्यक है कि निर्वाचन संबंधी राजनीतिक दलों के व्यय सरकार वहन करे। उन्होंने कहा कि इसके लिए भी विभिन्न राजनीतिक दलों को पहल करना चाहिए। उन्होंने कहा था कि वह अपनी इन मांगों को लेकर शीघ्र ही एक अभियान शुरू करेंगे। इसमें बुद्विजीवियों और राजनेताओं की मदद भी ली जाएगी लेकिन फिर ऐसा हुआ नहीं। शायद अब भोपाल समाचार डॉट कॉम के ध्यानाकर्षण के बाद अभियान की शुरूआत हो।