उज्जैन। कृषि भूमि का सीमांकन करने के लिए नागदा के हल्का नंबर 3 के पटवारी सुंदरलाल उपाध्याय ने किसान से 3 हजार रुपए रिश्वत की मांग की थी। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने पटवारी को रंगेहाथों गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। सबूतों के आधार पर आरोप सिद्ध हुए। विशेष न्यायाधीश एलडी सोलंकी ने भ्रष्टाचार के दोषी पटवारी को चार साल कैद की सजा एवं 8 हजार रुपए जुर्माने की सुनाई है।
6 जून 2014 को लोकायुक्त एसपी से ग्राम बछोड़ के जगदीश मालवीय ने शिकायत की थी। मालवीय को उसकी जमीन का सीमांकन कराना था। इसके लिए शासन के द्वारा तहसील में पटवारियों की नियुक्ति की गई है। मालवीय ने जमीन के सीमांकन के लिए तहसील में आवेदन दिया था। इस पर हल्का नंबर 3 के पटवारी सुंदरलाल उपाध्याय को सीमांकन करना था। लेकिन पटवारी ने जगदीश से रिश्वत की मांग की।
जगदीश की शिकायत पर लोकायुक्त ने ट्रेप प्लान किया और सुंदरलाल को रंगेहाथों गिरफ्तार किया। एफएसएल कराने पर सुंदरलाल के हाथ एवं बैग धुलाने से फिनाफ्थलीन रसायन पॉजिटिव आया। लोकायुक्त ने तकनीकी साक्ष्यों सहित पांच लोगों के बयान कराएं। कोर्ट ने आरोपी को चार साल की सजा सुनाई। पैरवी विशेष लोक अभियोजक मनोज पाठक ने की।