विधायकों के आलीशान बंगले का किराया मात्र 90 रुपए, वेतन 1.25 लाख | MP NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। सभाओं में जो नेता जनता के लिए जीवन समर्पित करने की बातें करते हैं, पर्दे के पीछे वो किस तरह के खेल खेलते हैं, यह इसका एक बड़ा उदाहरण है। विधायक कांग्रेस के हों या भाजपा के, कभी किसी ने इस पर आपत्ति नहीं उठाई। 

मामला विधायकों को मिलने वाले वेतन भत्ते और चुकाए जाने वाले खर्चों का है। 61 साल पहले विधायकों को 200 रुपए मासिक वेतन-भत्ता मिलता था। तब इनके आवास का किराया करीब 90 रुपए प्रतिमाह था। यानी कुल वेतन-भत्ता का लगभग आधा। 61 साल के अंतराल में विधायकों ने कई दफा अपने वेतन-भत्ता बढ़ाए। बढ़ते बढ़ते ये करीब 1.25 लाख रुपए हो गए लेकिन आवास का किराया आज भी 90 रुपए प्रतिमाह ही है। 

विधायकों के वेतन-भत्ता एवं सरकारी आवास का किराया 1956 में निर्धारित किया गया था। पार्टियों में भले ही कितनी भी खींचतान चलती हो परंतु वेतन-भत्ता बढ़ाने के मामले में सभी एकमत हो जाते हैं। सदन में महंगाई के नाम पर कई बार वेतन-भत्ता बढ़ाए गए लेकिन इसके साथ ही आवास किराया बढ़ाने की बात कभी किसी ने नहीं की। बता दें कि विधायकों के निजी खर्चों को छोड़ दें तो उनके रहने से लेकर घूमने तक सारा खर्च सचिवालय उठाता है। माननीयों को मिलने वाले हर अलाउंस को जोड़ दें तो करीब सवा लाख तनख्वाह अलग से मिलता है। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!