सागर। वनविभाग के एक गार्ड ने बिना नंबर की स्कूटी सवार छात्रा को यातायात पुलिस की तरह रोका और चालान के पैसे मांगे। छात्रा केे पास पैसे नहीं थे तो फोरेस्ट गार्ड उसे गार्डरूम में ले गया और चालान वसूली के बदले बलात्कार किया। कोर्ट ने फोरेस्ट गार्ड को 10 साल की सजा सुनाई है। अभी विभागीय कार्रवाई बाकी है।
अपर लोक अभियोजक रविकांत सराफ ने बताया कि मकरोनिया निवासी 24 वर्षीय युवती स्वामी विवेकानंद इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा है। वह यहां एमई तृतीय वर्ष में पढ़ रही है। 11 जनवरी 2017 को शाम 5 बजे वह अपने साथी विनीत कुशवाहा के साथ स्कूटी से सिद्ध बाबा मंदिर गई थी। मंदिर में दर्शन करने के बाद वापस घर लौटते समय रास्ते में सिरोंजा एवरग्रीन रोपड़ी में पदस्थ सिविल लाइन मुरैना निवासी वनरक्षक रिंकू पिता मेवाराम जाटव मिला।
आरोपी ने युवती से कहा कि स्कूटी की नंबर प्लेट पर गाड़ी का नंबर दर्ज नहीं है। चालान भरना पड़ेगा। चालान भरने के लिए पैसे नहीं होने की बात कहने पर आरोपी युवती और उसके साथी को पकड़कर ले गया और एक कमरे में बैठा दिया। थोड़ी देर बाद विनीत को चांटा मारकर कमरे से बाहर कर दिया। इसके बाद दरवाजा बंद कर युवती से दुष्कर्म किया। युवती ने शोर मचाया तो आरोपी ने जान से मारने की धमकी दी। दुष्कर्म के बाद दरवाजा खोल दिया।
युवती ने बाहर आकर विनीत को और घर जाकर परिजनों को घटना बताई। परिजनों ने पदमाकर थाने में आरोपी के खिलाफ केस दर्ज कराया। पुलिस ने जांच के बाद चालान कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने आरोपी को दोषी माना। कोर्ट ने आरोपी काे धारा 376 (2) (ख) में 10 साल के सश्रम कारावास तथा और कुल 7000 रुपए अर्थदंड से दंडित किया।