इंदौर। मंदसौर के शिक्षक रामदयाल जोशी भ्रष्टाचार के दोषी प्रमाणित हो गए हैं। इंदौर की विशेष न्यायालय ने उन्हे आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी पाया है। संपत्ति का मूल्यांकन कराने के बाद एवं वेतन से होने वाली आय के अतिरिक्त जो संपत्ति शेष पाई गई है, उसे सरकारी खजाने में राजसात करने का आदेश दिया है।
विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार अधिनियम 2011) ने एक स्कूल के प्रधानाध्यापक की 17 लाख 60 हजार रुपए की संपत्ति राजसात करने के आदेश दिए हैं। शिक्षक रामदयाल जोशी निवासी भानपुरा (मंदसौर) के यहां लोकायुक्त पुलिस उज्जैन ने 6 अक्टूबर 2012 को छापा मारकर अनुपातहीन संपत्ति पकड़ी थी। बाद में लोकायुक्त पुलिस ने जिला कोर्ट इंदौर में सम्पत्ति राजसात का प्रकरण पेश किया था।
गुरुवार को विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार अधिनियम 2011) इंदौर समरेश सिंह कुशवाह ने फैसला सुनाया। विशेष लोक अभियोजक महेंद्रकुमार चतुर्वेदी के मुताबिक छापे में शिक्षक की कुल संपत्ति 44 लाख 51 हजार रुपए की पाई गई, जबकि नौकरी से आय 22 लाख 56 हजार रुपए पाई गई।
कब और क्या कार्रवाई हुई थी
अक्टूबर 2012 में सुबह 7 बजे लोकायुक्त DSP ओपी सागोरिया के नेतृत्व में टीम सर्व शिक्षा अभियान के पूर्व एपीसी (सहायक परियोजना समन्वयक) और वर्तमान शिक्षक रामदयाल जोशी के घर पहुंची। टीम ने एक-एक कर किचन, बैडरूम व अलमारियों को खंगाला। जांच में 3500 की नकदी के साथ चार लाख रुपए की ज्वेलरी मिली। टीम को भानपुरा स्थित गांव आंकी में 40 बीघा जमीन के कागजात मिले। इसके अलावा अन्य जगह जमीन की जानकारी भी मिली। संपत्ति का मूल्यांकन किया गया।