इंदौर। किसान कर्ज माफी के वचन को पूरा करने के लिए सीएम कमलनाथ ने 'जय किसान ऋण मुक्ति योजना' लांच की। अब किसान बैंक अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं। कहीं सूची अंग्रेजी में है तो कहीं जितना लोन था उतना माफ नहीं हो रहा है। सबकुछ नियमानुसार हो रहा है या रिश्वत पाने के लिए बैंक अधिकारी सूची में गलत डाटा दर्शा रहे हैं, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा परंतु फिलहाल शिकायतें सामने आने लगीं हैं।
आगर मालवा जिले से पांच किलोमीटर दूर निपनिया बैजनाथ के किसान शिवलाल और शिवनारायण ने आरोप लगाया कि उसका नाम कृषि ऋण माफी की सूची में शामिल किया गया था। उसने बैंक से 20 हजार रुपए का लोन ले रखा था। उसने अधिकारियों को सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाए थे, लेकिन जब लिस्ट में नाम आया तो सिर्फ उसके 13 रुपये माफ किए, जबकि उसके 20 हजार रुपए माफ किए जाने थे।
किसान का कहना है कि सरकार ने कहा था कि किसानों के दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। मैं आपनी फरियाद लेकर अधिकारियों के पास गया, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि हम कुछ नहीं कर सकते। किसान का आरोप है कि सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर उसके साथ छलावा किया है।