भोपाल। सीएम कमलनाथ सरकार ने मध्यप्रदेश में मीसाबंदियों की पेंशन बंद कर दी है। बता दें कि मीसा बंदियों को प्रतिमाह 25000 रुपए तक पेंशन दी जाती थी। यह पेंशन भाजपा की शिवराज सिंह सरकार ने शुरू की थी। कांग्रेस ने इसे बंद कर दिया।
कांग्रेस का कहना है कि यह सरकारी धन की फिजूलखर्ची है। जबकि भाजपा का कहना है कि वो सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी। बता दें कि मध्यप्रदेश में आपातकाल के दौरान जेल गए राजनीतिक बंदियों को यह पेंशन दी जाती है। सीएम शिवराज सिंह ने आदेश दिए थे कि यदि आपातकाल के दौरान कोई व्यक्ति 1 दिन भी जेल में रहा है तो उसे पेंशन दी जाएगी।
बताया जा रहा है कि इस संबंध में आदेश 28 दिसंबर को जारी कर दिए गए हैं। आदेशानुसार सरकार मीसाबंदियों को मिलने वाली पेशन के संबंध में जांच करवाएगी। सरकार ऐसा लोगों को पेंशन की सूची से बाहर करेगी जो इसके सही पात्र नहीं है। कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार ने अपने खास लोगों को उपकृत करने के लिए करोड़ों की फिजूलखर्ची की है। सरकार 75 करोड़ रुपये सालाना लुटा रही थी, इसको तुरंत बंद होना चाहिए।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में फिलहाल 2000 से ज्यादा मीसाबंदी 25 हजार रुपए मासिक पेंशन ले रहे हैं। साल 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया। बाद में पेंशन राशि बढ़ाकर 10,000 रुपए की गई। साल 2017 में मीसा बंदियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 25,000 रुपये की गई। इस पर सालाना करीब 75 करोड़ का खर्च आता है।