मप्र: 3 गांव में अचानक बाढ़ आ गई, सैंकड़ों खेत तालाब बन गए | MP NEWS

भोपाल। छतरपुर जिले के 3 गांव ग्राम कैथोकर, सरसेड और चपरन में बिना बारिश बाढ़ आ गई। तीनों गावों में सैंकड़ों खेतों में पानी भर गया। वो तालाब जैसे बन गए। किसान नाव चलाकर अपने खेत में बची हुई चीजें समेट रहे हैं। यह सबकुछ हुआ धसान नदी पर बने पहाड़ी बांध के कारण। अधिकारियों ने अचानक बांध का पानी छोड़ दिया जो खेतों में भर गया। पानी के कारण फसलों के साथ ही किसानों के कृषि उपकरण भी बर्बाद हो गए हैं। 

धसान नदी पर उत्तरप्रदेश के झांसी जिले में पहाड़ी डेम है। इसका डूब क्षेत्र मप्र में है, पर पानी और प्रबंधन महोबा सिंचाई विभाग के पास है। उप्र के अधिकारियों ने बांध से पानी को छोड़ दिया है, इस बांध के नीचे लहचूरा डेम है। लहचूरा डेम के गेट उप्र के अधिकारियों ने नहीं खोले हैं। इससे डेम का जलस्तर 15 फीट तक बढ़ गया है। नदी में मिलने वाले सहयोग नालों में दूर-दूर तक पानी भर गया है। खेत डूब गए हैं। 

किसानों की पीड़ा: 
18 बीघा जमीन का तरबूज डूबा, जुताई, सिंचाई, बुवाई की लागत भी डूबी- नालों का जलस्तर जो कि 3 से 4 फीट की स्थिति में रहते थे 10 से 15 फीट तक पहुंच गया है। किसान अरविंद रैकवार का कहना है नब्बे हजार रुपए लगाकर उसने ठेके पर 20 बीघा जमीन ली थी। खेतों में 86 हजार रुपए का तरबूज का बीज लगाया था इसमें से 18 बीघा जमीन में पानी भर गया है, जिससे सब कुछ नष्ट हो गया है। 

- बृजलाल कुशवाहा का कहना है तो उसने भी 20 बीघा जमीन में तरबूज का बीज लगाया था और बीच उत्तम क्वाॅलिटी का महंगा बीज और जुताई, सिंचाई, बुवाई में उसमें एक लाख रुपए की लागत आई थी। अब सब कुछ पानी में चला गया है। इसी प्रकार चित्रकोटी कुशवाहा की जमीन पानी में डूबने के कारण गेहूं और सरसों की फसल पूरी तरह से जलमग्न हो गई। 

अधिकारी ने दिया आश्वासन:  
कलेक्टर रमेश भंडारी का कहना है कि उन्होंने महोबा डीएम से बात की है। उन्होंने हालात में जल्द सुधार करने का भरोसा दिया है। उन्होंने एसडीएम को नुकसान का सर्वे कराने के निर्देश दिए हैं। नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। 

24 घंटे बीते, पटवारी के अलावा कोई नहीं पहुंचा देखने के लिए
किसानों ने बताया कि रविवार को पानी छोड़ा गया था। प्रशासन को अवगत भी कराया गया, लेकिन 24 घंटे बीत जाने के बाद भी किसी ने ध्यान नहीं दिया। 
पटवारी अंशु पांडेय के अलावा कोई मौके पर नहीं पहुंचा है। इसके कारण जलस्तर बढ़ता चला गया और करीब 15 फीट पानी भर जाने के कारण धसान नदी के सहायक नाले से लगी फसलें पूरी तरह पानी में डूब गईं। 
फसलों के साथ ही किसानों की डीजल पंप और बैलगाड़ी सहित पाइप नालों में डूब गए हैं। 
किसानों का कहना है कि अभी तक बांध बनने के बाद कभी भी फसल के समय नानू में 4 से 5 फीट तक पानी रहा इससे ज्यादा कभी भी पानी नही बढ़ा था। 
इस मामले में एसडीएम बीबी गंगेले का कहना है कि उन्हें जानकारी मिल चुकी है। पानी का जल स्तर कम करने के लिए वे अधिकारियों से बात कर रहा हूं। 

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!