इंदौर। उत्तर से आ रही सर्द हवा के कारण मालवा-निमाड़ समेत पूरा प्रदेश ठंड की चपेट में है। इंदौर में रविवार को दिन के तापमान ने बीते 10 साल का रिकार्ड तोड़ दिया। अधिकतम तापमान सामान्य से 8 डिग्री गिरकर 19.6 रिकार्ड किया गया है। वहीं रात का पारा 7.3 डिग्री दर्ज किया गया। इंदौर - उज्जैन में 8वीं और रतलाम में 12वीं तक के सभी स्कूलों को बंद रखा गया है। वहीं मंदसौर-नीमच में खेतों में खड़ी अफ़ीम की फ़सल पर बर्फ जमने लगी है। ऐसे में पाला पड़ने से फसलों को नुक़सान की आशंका।
आसमान से बादल साफ होते ही उत्तरी हवा ने मालवा समेत पूरे प्रदेश को कंपकंपा दिया। प्रदेश की बात की जाए तो बैतूल, नौगांव, दतिया में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री तक चला गया। हालांकि इन जिलों में पारा 2 डिग्री तक भी जा चुका है। मौसम विभाग का अब कहना है कि 3 फ़रवरी तक ठंड का मिजाज ऐसा ही रहेगा। दिन का पारा 22 से 24 और रात का तापमान 10 से 11 डिग्री के बीच रहेगा।
इसी प्रकार से ठंड पड़ी तो फसलों पर पाले का खतरा बढ़ जाएगा
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि उत्तर से मैदानी इलाकों में ठंडी हवाएं सीधी आ रही हैं। जमीन से लोअर ट्रोपोस्फियर में तीन किमी ऊंचाई तक इन्हीं हवाओं का डेरा है, इसलिए इंदौर, उज्जैन, सतना, रीवा, छिंदवाड़ा, सागर, ग्वालियर, रतलाम, शिवपुरी, खरगोन, खजुराहो, नौगांव, खंडवा आदि शहरों में दिन का पारा सामान्य से 5 से 7 डिग्री तक नीचे रहा, जिसके कारण कोल्ड डे की स्थिति बनी।
लोअर ट्रोपोस्फियर में जमीन से 3 किमी ऊपर तक ठंडी हवाएं, ऐसा पहली बार : खंडवा शीतलहर की चपेट में है। दो दिनों से सर्द मौसम के तेवर और तीखे हो गए हैं। ठंडी हवाएं 12 से 14 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चल रही है। मौसम विभाग ने रात का पारा गिरने और सर्द हवाएं चलने की चेतावनी दी है।
इंदौर में 8वीं तक के सभी स्कूलों की छुट्टी :
इंदौर कलेक्टर लोकेश जाटव ने सोमवार को 8वीं तक के स्कूलों की छुट्टी घोषित की है। ठंड को देखते हुए शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल, प्रदेश सचिव राजेश चौकसे ने छुट्टी की मांग की थी।
आगे क्या : तीन दिन ऐसी ही ठंड के आसार -
वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक उदय सरवटे ने बताया कि उत्तर से आ रही ठंडी हवाओं का रुख अभी मैदानी है। इसलिए अभी तीन दिन और ऐसी ही ठंड पड़ने का अनुमान है।
खेती के लिए नुकसान :
कृषि विशेषज्ञ विनोद कुशवाह का कहना है कि ठंड का असर ऐसा ही रहा तो गेहूं और चने की फसल पर बुरा असर होगा। गेहूं की बाली और चने का दाना छोटा रह सकता है। पत्ती भी जल जाएगी। सात डिग्री से नीचे पारा जाने पर पाला पड़ने की स्थिति बन जाती है।