नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राज्यों के राज्य सरकार से सहायता प्राप्त डिग्री स्तर के तकनीकी उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी सातवां वेतनमान देने का फैसला किया है। इससे इन संस्थानों में कार्यरत 29,264 शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों को सीधा लाभ मिलेगा। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
जावड़ेकर ने कहा कि 1 जनवरी 2016 से 31 मार्च 2019 तक के बीच के एरियर की आधी राशि का भुगतान भी केंद्र सरकार करेगी। इससे केंद्र के खजाने पर 1241.78 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ेगा। केंद्र का यह कदम उच्च एवं तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता को कायम रखने के लिए है। राज्य सरकारें वेतन नहीं बढ़ा पाती हैं, जिस कारण आधी राशि देकर केंद्र सरकार मदद करती है। ताकि राज्य स्तर के संस्थानों की गुणवत्ता भी केंद्रीय संस्थानों के अनुरूप रहे।
हाल ही में महाराष्ट्र ने भी सातवें वेतन आयोग की सिफारिश को मंजूरी दी। सातवें वेतन आयोग के लागू होने के बाद राज्य सरकार के खजाने पर 21 हजार करोड़ रुपये का अतरिक्त भार आएगा। इस फैसले से तकरीबन राज्य के 17 लाख कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा।
इसके साथ ही यूपी सरकार ने भी राजधानी लखनऊ के नगर निगम कर्मचारियों को तोहफा दिया है। राज्य सरकार ने 2019 के पहले रिटायर हो चुके कर्मचारियों को उनकी पेंशन को प्रशासन ने लगभग तीन गुना तक बढ़ाने का निर्णय लिया है।
दरअसल, इन सेवानिवृत कर्मियों को अब 7वां वेतन आयोग के हिसाब से पेंशन मिल सकेगी। बतादें कि पहले सेवानिवृत कर्मचारियों को लगभग 3500 रुपये पेंशन के तौर पर मिल रहे थे। जबकि 7वां वेतन आयोग के तहत पेंशन दिए जाने के निर्णय के बाद से इन कर्मचारियों को अब 9000 रुपये पेंशन मिल सकेगी।