बुरहानपुर। शिक्षक भर्ती घोटाले में फर्जी शिक्षकों की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, 100 शिक्षकों के फर्जी तरीके से भर्ती किए जाने की शिकायत की गई थी, जिसमें जांच के बाद 40 शिक्षकों को पहले ही बर्खास्त कर दिया था और अब 21 शिक्षकों को और बर्खास्त किया गया। यह घोटाला 2003 से 2010 तक के बीच हुआ।
साथ ही शिक्षा विभाग के बाबू ज्योति कुमार खत्री और 4 शिक्षकों पर एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है, साथ ही भरत शाह को निलंबित किया जा चुका है। बताया जा रहा है की यह 21 शिक्षकों के प्रथम वेतन विसंगती मिलने पर बर्खास्त किये गए।
वहीं इस मामले में जिला पंचायत सीईओ शीलेन्द्र सिंह के आदेश पर जनपद पंचायत सीईओ अनिल पवार ने 23 दिसंबर 2018 को 100 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें 27 दिसंबर 2018 को सभी शिक्षकों को जनपद पंचायत कार्यालय में मूल दस्तावेजों के साथ सत्यापन के लिए बुलाया गया था किंतु उस समय केवल 18 शिक्षक ही मूल दस्तावेज लेकर पहुंचे थे।
जिला पंचायत सीईओ शीलेन्द्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए 40 शिक्षकों को बर्खास्त किया था, जिसके बाद 21 शिक्षकों की वेतन विसंगति, मैरिट लिस्ट से छेड़छाड़ और फर्जी नियुक्ति आदेश सलंग्न कर नौकरी पाने वाले शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। जिसके बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।