गुना। नई प्रदेश सरकार से जितनी उम्मीदें किसानों, वेरोजगार,मजदूर,कर्मचारियों को हैं वैसे ही अध्यापक संवर्ग को भी हैं। आजाद अध्यापक संघ गुना ने कार्यकारी प्रांताध्य्क्ष श्रीकृष्ण शिवहरे के नेतृत्व एव जिला अध्यक्ष चंद्रलेश श्रीवास्तव की उपस्थिति में आज स्थानीय सर्किट हाउस में सांसद श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को ज्ञापन दिया। मुख्य रूप से मांग की गई है कि अनुकम्पा नियुक्ति के लिए रोड़ा बने प्रावधानों को शिथिल किया जाए ताकि मृत अध्यापक परिवार के रोजी-रोटी की व्यवस्था हो सके। कांग्रेस के वचन पत्र के क्रम 47.25 पर इसका उल्लेख है।
जुलाई 18 से अध्यापक संवर्ग को राज्य स्कूल शिक्षा सेवा संवर्ग के अंतर्गत सभी सुविधाएं देने का प्रावधान है अतः पूर्व सरकार द्वारा लागू भेदभाव वाली स्थानांतरण प्रक्रिया बंद की जाए और पति-पत्नी को एक स्थान पर नॉकरी करने हेतु समायोजन व्यवस्था जैसे प्रावधान जोड़े जाएं,वचनपत्र में बिंदु क्रमांक 47.29 पर वचन दिया गया है।
वचनपत्र के बिंदु क्र, 47.14 अनुसार शिक्षा विभाग के मूल पदनामों सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता पर 1994 वाला डाइंगकैडर जीवित कर सेवा सुविधाओं -शर्तों के साथ संविलयन किया जाए। यद्यपि पूर्व मुख्यमंत्री ने ठीक एक वर्ष पूर्व 21जनबरी को गुरुजी वरिष्ठता, प्रमोशन, शिक्षा विभाग में संबिलयन, स्थानांतरण जैसी कई घोषणाएं की और उन पर आंशिक अमल हुआ।
संगठन द्वारा मांग की गई है कि एनपीएस के स्थान पर ओल्ड पेंशन सुबिधा बहाल की जाए।वचन पत्र में 47.34 पर इस मुद्दे को रखा गया है।
अध्यापक संवर्ग का भरोसा हासिल कायम करने वचनपत्र में 1994 वाला मूल शिक्षा विभाग और कई मांगों को स्थान दिया है।मांग की गई है कि सातवा वेतनमान 1जनबरी 16 से दिया जाए मप्र में अध्यापक संवर्ग को जानबूझकर 7वा वेतन जुलाई 18 से दिया गया जबकि सभी कर्मचारियों को जनबरी 16 से लागू है। शिवराज सरकार द्वारा सितम्बर 15 में हड़ताल अवधि की काटी गई वेतन का भुगतान कराया जाए।
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों के स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन किये गए थे,स्थानांतरण आदेश जारी करवाए जाएं।
राज्य स्कूल शिक्षा सेवा में नियुक्ति हेतु शेष सभी आदेश जारी करवाए जाएं।
प्रमोशन प्रक्रिया बंद कर दी गई है अतः वरिष्ठ अध्यापक एवं अध्यापक संवर्ग के प्रमोशन किये जाएं।
इस अवसर पर ज्ञापन देने वालो में श्रीकृष्ण शिवहरे,राजकुमार लिटोरिया,चन्द्रलेश श्रीवास्तव, नरेंद्र भारद्वाज, राजमणि दुबे, जमील उद्दीन, सत्यनारायण शाक्य, गंगाराम कुशवाह,भगवत प्रसाद ओझा,पवन शर्मा,सुनील शर्मा,चंचल कुशवाह,मीतू सोलंकी,कीर्ति मोरोलिया,विनय जैन,देवेंद्र गौड़,प्रदीप राजोरिया,रामनरेश नामदेव,मुकेश शिवहरे सहित सैकड़ों अध्यापक उपस्थित थे।