भोपाल। फ्लैट बुक कराने के बाद अनुबंध की शर्त के मुताबिक दो साल में निर्माण करके न देने पर उपभोक्ता फोरम ने मेसर्स आराध्या भूमिका कंस्ट्रक्शंस (AARADHYA BHOOMIKA CONSTRUCTION BHOPAL) के खिलाफ हर्जाना लगाया था। इसके बावजूद भी बिल्डर ने उपभोक्ता को हर्जाना नहीं दिया न ही फोरम में उपस्थित हुआ। इसके बाद जिला उपभोक्ता फोरम ने बिल्डर के खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दे दिया।
कटारा हिल्स निवासी प्रीति लढ्ढा अपने पिता केसी सोमानी के साथ उपभोक्ता फोरम के चक्कर लगाकर-लगाकर परेशान हैं। सोमवार को वे अपने पिता के साथ उपभोक्ता फोरम पहुंचीं, लेकिन बिल्डर की तरफ से कोई उपस्थित नहीं हुआ। बिल्डर के बार-बार न उपस्थित होने के कारण उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष न्यायाधीश आरके भावे और पीठासीन सदस्य सुनील श्रीवास्तव व क्षमा चौरे की बेंच ने उसके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया। फोरम में इस बिल्डर के खिलाफ करीब 7 आवेदकों ने शिकायत की है।
यह था मामला
कटारा हिल्स निवासी प्रीति लढ्ढा ने मेसर्स आराध्या भूमिका कंस्ट्रक्शंस बिल्डर द्वारा तैयार की जा रही परियोजना एबी स्मार्ट सिटी में 18 दिसंबर 2011 को एक फ्लैट बुक किया। जिसकी कुल कीमत 10 लाख 24 हजार 725 रुपए तय की गई थी, जो कि अदा भी कर दी गई। समय पर फ्लैट न मिलने की वजह से प्रीति को किराए के मकान में रहना पड़ा। जिला उपभोक्ता फोरम में मामला पहुंचा तो बिल्डर के खिलाफ फैसला सुनाया गया। फोरम ने बिल्डर को उपभोक्ता द्वारा जमा की गई राशि मय ब्याज लौटाने और एक लाख रुपए हर्जाना अदा करने का फैसला सुनाया। इसके बाद हर्जाना देने की बजाय बिल्डर ने उपभोक्ता के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर कर दी। लेकिन वह खुद एक बार भी उपस्थित नहीं हुआ, जिससे उसकी अपील खारिज कर दी गई। फोरम को आदेश दिए हुए दो साल हो गए, लेकिन अभी तक उपभोक्ता को कोई राशि नहीं मिली।
पिता ने केस लड़ने में की मदद
प्रीति ने बताया कि उन्होंने बिल्डर के खिलाफ केस लड़ने के लिए किसी वकील की मदद नहीं ली, बल्कि अपने पिता केसी सोमानी ने ही उनका पूरा साथ दिया। उनके पिता इंदौर से आकर पूरे मामले में मदद करते थे। प्रीति कहती हैं कि उनके पिता के पेश किए गए तर्क को फोरम में बिल्डर के वकील भी नहीं काट पाते थे।