भोपाल। कमलनाथ सरकार ने सोशल मीडिया एक्टिविस्ट एवं कांग्रेस के आईटी सेल प्रभारी अभिषेक मिश्रा की गिरफ्तारी को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। मध्यप्रदेश सरकार ने छतरपुर निवासी श्री अभिषेक मिश्रा पिता श्री अशोक मिश्रा को दिल्ली पुलिस द्वारा बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिये गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाने पर कड़ी आपत्ति की है। राज्य के गृह विभाग ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर आपत्ति दर्ज कराते हुए दिल्ली पुलिस की इस कार्यवाही को माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उल्लंघन बताया है।
उल्लेखनीय है कि श्री अशोक मिश्रा निवासी छतरपुर द्वारा 22 जनवरी 2019 को रात्रि 8.30 बजे करीब बताया गया कि उनके पुत्र श्री अभिषेक मिश्रा को कोहेफिजा स्थित निवास 111 राजीव नगर, NRI कॉलोनी, भोपाल से कुछ अज्ञात लोग साथ ले गये हैं। इसके बाद से श्री अभिषेक मिश्रा के संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल रही है और मोबाईल भी बंद है।
स्थानीय पुलिस द्वारा खोजबीन करने पर अभिषेक मिश्रा के संबंध में उसकी कंपनी सोशल मीडिया के डायरेक्टर श्री अंशुमान सिंह से जानकारी प्राप्त हुई कि श्री अभिषेक मिश्रा, निवासी साहू की चक्की के पास, पथापुर रोड, छतरपुर, म.प्र. को श्री प्रवीण कुमार, निरीक्षक, सायबर क्राईम यूनिट, स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस द्वारा 22 जनवरी 2019 को गिरफ्तार किया गया है।
मध्यप्रदेश शासन के गृह विभाग द्वारा दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखे पत्र में उपरोक्त जानकारी देते हुए लिखा गया है कि पूरे घटनाक्रम में ऐसा प्रतीत होता है कि दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल (एसबी) टीम ने गिरफ्तारी के समय माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का उचित रूप से पालन नहीं किया। स्थानीय पुलिस को गिरफ्तारी की सूचना नहीं दी और न ही श्री अभिषेक मिश्रा के परिजनों को गिरफ्तारी की सूचना दी, जिससे अपहरण की आशंका उत्पन्न हुई।
गृह विभाग के उप सचिव ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को भेजे गये पत्र में लिखा है कि दिल्ली पुलिस द्वारा की गई इस नियम विरूद्ध कार्यवाही की आवश्यक जाँच की जाये। साथ ही नियम विरूद्ध कार्यवाही करने के लिये जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के विरूद्ध यथोचित कार्यवाही की जाकर मध्यप्रदेश शासन को अवगत करवाया जाये।