भोपाल। मध्यप्रदेश में 'वंदे मातरम' को लेकर काफी बवाल हुआ। हंगामा इस कदर बढ़ा कि टारगेट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी आ गए और सीएम कमलनाथ को खुद सामने आकर 'वंदे मातरम' की नई व्यवस्था का ऐलान करना पड़ा। कांग्रेस सरकार के खिलाफ भाजपा ने पहला प्रदर्शन किया और वल्लभ भवन के सामने जाकर 'वंदे मातरम' का सामूहिक गायन किया परंतु जब पत्रकारों ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को अकेले 'वंदे मातरम' का गायन करने को बोला तो भाजपा के भाग्य विधाता नेताओं में से कोई भी इसे पूरा नहीं गा पाया। भाजपा के जिलाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुरेन्द्र नाथ सिंह ने इस मीडिया ट्रायल को नौटंकी करार दिया।
दरअसल, 01 जनवरी को वल्लभ भवन में नियमित रूप से होने वाले 'वंदे मातरम' गायन का आयोजन नहीं किया गया। मीडिया ने इस मामले पर सवाल उठाए। पूरे 12 घंटे बाद भाजपा ने इस मुद्दे को कैप्चर किया और बुधवार 02 जनवरी को बीजेपी नेताओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल पार्क में इकट्ठा होकर सामूहिक रूप से वंदे मातरम भी गाया लेकिन जब नेताओं से व्यक्तिगत रूप से इसे गाने को कहा गया तो एक भी नेता इसे ठीक से नहीं गा पाया।
बीजेपी के कई बड़े नेता थे मौजूद
पटेल पार्क में सुरेंद्र नाथ सिंह समेत बीजेपी के विधायक रामेश्वर शर्मा, विश्वास सारंग और कृष्णा गौर जैसे कई टॉप लीडर मौजूद थे। तीन महिला कार्यकर्ताओं ने वंदे मातरम गाना शुरू किया लेकिन कुछ चर्चित नेताओं को उस वक्त शर्मिंदा होना पड़ गया जब पत्रकारों ने उनसे अकेले में वंदे मातरम गाने को कहा। आलम यह था कि उनमें से किसी को भी वंदे मातरम नहीं आता था।
पत्रकार जो कर रहे हैं वह पूरी नौटंकी है: भाजपा
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बीजेपी नेता सुरेंद्र नाथ सिंह ने कहा, 'बहुत कम लोग वंदे मातरम के पूरे शब्द जानते होंगे। अगर आप मुझसे खुद से राष्ट्रगीत गाने को कहें तो मैं शायद मैं इसे पूरा न गा सकूं लेकिन मैं इसका सम्मान करता हूं। मीडिया के पत्रकार जो कर रहे हैं वह पूरी नौटंकी है।'